- करेला भले ही कड़वा होता हो लेकिन इसके गुण काफी लाभकारी होते हैं
- करेला का जूस बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने की ताकत देता है
- डायबिटीज मरीज के लिए तो करेले का जूस रामबाण है
Karela Juice For Diabetes Patient: करेला बहुत ही कम लोगों को पसंद आता है क्योंकि करेला काफी कड़वा होता है और इसके कड़वेपन की वजह से लोग इसे ज्यादा पसंद नहीं करते हैं। करेला भले ही कड़वा होता हो लेकिन इसके गुण काफी लाभकारी होते हैं। करेला का जूस बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने की ताकत देता है। डायबिटीज मरीज के लिए तो करेले का जूस रामबाण है। अगर डायबिटीज के मरीज नियमित रूप से इसका सेवन करते हैं तो ब्लड शुगर हमेशा लेवल में रहेगा। यही नहीं हार्ट पेशेंट के लिए भी करेले का जूस काफी फायदेमंद है। रोज सुबह एक गिलास करेले का जूस आपको अनगिनत फायदे पहुंचाता है। आइए जानते हैं डायबिटीज मरीजों के लिए कैसे करेले का जूस फायदेमंद है...
डायबिटीज़ में करेला क्यों है फायदेमंद
डायबिटीज मरीजों के लिए करेले का जूस काफी लाभदायक होता है। डायबिटीज मरीजों को सुबह खाली पेट एक गिलास रोज करेले के जूस का सेवन करना चाहिए। करेले का जूस प्राकृतिक तरीके से शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखता है। यह शरीर में इंसुलिन को एक्टिव करता है और ऐसा होने पर शरीर में मौजूद शुगर पर्याप्त रूप से प्रयोग होती है और यह फैट में तब्दील नहीं होती है।
Also Read- Kidney Stone: किडनी में पथरी की समस्या में रोज एक कटोरी खाएं कुलथी की दाल, जानिए सेवन का सही तरीका
कैसे दूर करें करेले का कड़वापन
करेले में काफी कड़वापन होता है। इसके कड़वेपन की वजह से लोग इसे पीना पंसद नहीं करते हैं। इसका कड़वापन को दूर करने के लिए इसे हल्दी और नमक में 20 से 25 मिनट कर लगाकर छोड़ दें। इससे करेला का कड़वापन दूर हो जाएगा और फिर इस करेले को मिक्सी में पीस लें। कड़वापन खत्म करने के लिए करेले के जूस में नींबू और काला नमक मिलाया जा सकता है। यह डायबिटीज मरीजों के साथ ही आम लोगों के लिए भी काफी लाभकारी है।
पाएं जाते है ये पोषक तत्व
करेले में इंसुलिन की उच्च मात्रा होती है। इसमें पोटेशियम सहित खनिज की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन ए, सी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं।
इनके अलावा इसमें कॉलिन तथा ल्यूटेन नामक तत्व भी होते हैं जो त्वचा, बाल व आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इसमें बीटा केरोटीन भी पाया जाता है। इसकी अलावा इसमें फिटो- नुट्रिएंट्स तथा एंटीऑक्ससिडेंट होते हैं। इसमें फेनोलिक एसिड , सैपोनिन , एल्कलॉइड , पेप्टाइड , आदि होते हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)