- टी बैग से पाएं आराम
- लहसुन से खत्म होगा हर्पीस
- ठंडी सिकाई से मिलेगी राहत
Home Remedies: कई बार मौसम बदलने के साथ जैसे गर्मी और बरसात के मौसम में शरीर पर छोटी-छोटी फुंसियां निकल आती हैं। इनको अक्सर फंगल इंफेक्शन और एलर्जी समझकर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये छोटी-छोटी फुंसियां आगे चलकर हर्पीस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती हैं। हर्पीस एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जिसमें शरीर पर छोटे-छोटे पानी से भरे दाने निकल आते हैं। हर्पीस नाम की ये बीमारी वेरिसेला जोस्टर वायरस की वजह से होती है। हर्पीस दो HSV-1 यानी ओरल हर्पीस और HSV-2 यानी जेनिटल हर्पीस होता है। रिसर्च के अनुसार ये बीमारी 40 की उम्र के बाद अधिक होती है। संक्रामक बीमारी होने की वजह से यह शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में भी तेजी से फैल जाती है। अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए तो यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
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हर्पीस से राहत पाने के लिए घरेलू उपाय
ठंडी सिकाई से मिलेगी राहत
हर्पीस में होने वाली खुजली और जलन से राहत दिलाने के लिए ठंडी सिकाई काफी फायदेमंद होती है। इसके लिए बर्फ के एक टुकड़े को हर्पीस से प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे जलन से भी राहत मिलती है और सूजन भी कम होती है। इस उपाय को दिन में तीन से चार बार करना चाहिए।
लहसुन से खत्म होगा हर्पीस
लहसुन में एंटी वायरल गुण होते हैं, जो किसी भी संक्रामक रोग को फैलने से रोकता है। रिसर्च के अनुसार अपने एंटी वायरल गुण की वजह से लहसुन हर्पीस के संक्रमण को फैलने से रोकता है। इसके लिए लहसुन का पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर दिन में 3 बार लगाएं। इस उपाय से बहुत आराम मिलता है।
टी बैग से पाएं आराम
जेनिटल हर्पीस (जननांगों के हर्पीस) की परेशानी से आराम पाने के लिए टी बैग का इस्तेमाल किया जा सकता है। टी बैग खासकर ब्लैक टी में टैनिक एसिड मौजूद होता है, इसके साथ ही इसमें एंटी वायरल गुण भी होते हैं, जो हर्पीस के संक्रमण को फैलने से रोकने के साथ ही इससे होने वाले दर्द को भी कम करते हैं। टी बैग को पानी में 2 मिनट भिगोकर रखने के बाद बाहर निकालकर हर्पीस वाली जगह पर कुछ देर रखें। ऐसा दिन में 2 बार करने से काफी आराम मिलता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में
किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)