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मानसून के साथ चली आती हैं ये गंभीर बीमारियां, इन उपायों के जरिए रहें इनसे दूर

Updated Jul 06, 2019 | 17:01 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

मानसून का भले ही आप बेसब्री से इंतजार करते हों, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि ये अपने साथ तमाम ऐसी बीमारियां भी लाता है जो बेहद गंभीर होती हैं। आइए जानें कि किन बीमारियों का खतरा मानसून ले आने वाला है।

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Monsoon

नई दिल्ली : मॉनसून की फुहारों के बीच अगर बीमारी हो जाए तो इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता। हालांकि, मानसूनी बीमारी कोई नई नहीं होती, बल्कि हर साल मानसून के साथ ये आती ही हैं। हमारी थोड़ी सी लापरवाही के कारण ही ये बीमारियां घर में फैलती हैं। 

पानी, खानपान, मच्छर और कीट-फतिंगो के अलावा वायरल और फ्लू ही मानसून में बीमारी की वजह बनते हैं। तो आइए जानें कि किन बीमारियों का खतरा मानसून लाने वाला है। 

मानसून की सबसे आम बीमारी है सर्दी, खांसी और वायरल बुखार। कभी गर्मी कभी सर्दी के कारण ये बीमारियां तेजी से फैलती हैं। बारिश में देर तक भिगने और देर तक गीला रहने के कारण ये बीमारियां फैलती हैं। इसलिए याद रखें बरसात में गर्म-सर्द से बचें और खुद को देर तक गीला न रखें। 

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मलेरिया और पीलिया 
अचानक ठंड या गर्म बढ़ने से ही मलेरिया मच्छर एनाफिलीज पैदा होते हैं। इसलिए इस मौसम में मच्छरों से बचने का प्रयास करें। इसके लिए नेट लगाएं और मच्छरों से बचने के लिए एंटीरिप्लेसमेंट मास्क या क्वायल लगाएं। यदि आपको अचानक ठंड के साथ तेज बुखार आए, खासकर शाम के समय। बुखार यदि दो दिन से ज्यादा रहे तो डॉक्टर से जरूर मिलें।  

मानसून में सबसे ज्यादा खतरा पीलिया का भी होता है। दूषित पानी या खुले खाद्य पदार्थ आदि के खाने से ये बीमारी होने का खतरा रहता है। हल्का बुखार, सिर दर्द, थकावट, मिचली आना या भूख कम लगने के साथ आंखों, नाखून या शरीर में पीलापन आने लगता है। यूरीन भी पीली होने लगे तो डॉक्टर से जरूर मिलें। पानी उबाल कर पीएं और घी-तेल का प्रयोग बंद कर दें। 

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डायरिया और कंजंक्टिवाइटिस
कंजंक्टिवाइटिस बरसाती बीमारी की सबसे आम बीमारी है। आंखों का लाल होना या आंखों की निचली व ऊपरी पलकों की भीतरी या बाहरी परत पर संक्रमण ही कंजंक्टिवाइटिस है। इसे आई फ्लू या पिंक आई होने के कई कारण होते हैं। इनसे बचने के लिए आप चेहरे, आंखों पर बार-बार हाथ लगाने से बचें। खासकर पब्लिक प्लेस से आने के बाद हाथ और आंख दोनों ही धोते रहें। 

खुले में बिकने वाले कटे फल या समोसे,ब्रेड पौकड़े खाने की आदत या कहीं का भी पानी पी लेने से डायरिया का भी खतरा रहता है। बार-बार दस्त और उल्टियां होना डायरिया का लक्षण है।  डायरिया होने पर पानी व तरल पदार्थों की मात्रा को बढ़ा दें। छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी, एलोवेरा का रस, खीरे का रस, ग्रीन टी आदि लेते रहें और ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से मिलें। 

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)

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