- 40 साल के बाद भी खुद को फिट एंड हेल्दी रखा जा सकता है
- बढ़ती उम्र में भी कसरत और योग जरूरी
- किसी भी फूड साइकिल को नजरअंदाज करना हानिकारक
नई दिल्ली: किसी के लिए बढ़ती उम्र परेशानी का सबब हो सकती है। लेकिन कुछ लोगों के लिए बढ़ती उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता। वह मानसिक और शारीरिक रुप से सेहतमंद बने रहते है। दरअसल शरीर सेहतमंद रहे इसके पीछे आपकी मानसिक सोच और आपका विल पावर भी काम करता है।
अगर मन से आप थका हुआ खुद को महसूस करेंगे तो उसका असर शरीर पर भी दिखेगा । कुछ लोगों के लिए उम्र सिर्फ एक संख्या भर होती है और बढ़ती उम्र में भी उनका जोश और जज्बा बना रहता है। लेकिन 40 साल के पार भी आप स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकते हैं। आइए जानते है कि आखिर वो कौन कौन सी बातें और आदतें है जिन्हें अपनाकर आप 40 के बाद भी जवान और तंदुरुस्त बने रह सकते हैं।
नाश्ते को नहीं छोड़ें:
ब्रेकफास्ट खानपान की एक अहम कड़ी होती है और रात के भोजन यानी डिनर के बाद एक लंबा गैप होता है और उसके बाद ब्रेकफास्ट करते है। इसलिए ब्रेकफास्ट को किसी भी सूरतेहाल में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हालांकि यह सच है कि बढ़ती उम्र में भूख कम लगती है और खुराक भी कम हो जाती है। साथ ही खाना उतना ही खाना चाहिए जितनी जरूरत हो। चाहे वो ब्रेकफास्ट हो या लंच या फिर डिनर। शरीर का मेटाबोलिज्म 10 साल में दो फीसदी कम हो जाता है। इसलिए नाश्ता को समय पर लेना बहुत ही जरूरी है।
व्यायाम,योग,प्राणायम, लंबी सैर, जॉगिंग ये ऐसी अच्छी आदतें सेहत के लिए जो आपके जीवन मे बनी रहनी चाहिए। 30 मिनट की शारीरिक सक्रियाता आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को चुस्त रखेगा और चोट लगने की संभावना को भी कम करेगी। जरूरी नहीं कि आप जिम ज्वाइन करे। लेकिन वर्कआउट आपकी दिनचर्या का हिस्सा जरूर होना चाहिए। इसलिए 40 और उसके बाद की अवस्था में भी कसरत,चहलकदमी आपको तंदुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाते है।
शौक विकसित करें:
शौक विकसित करना शुरू करने के लिए 40 साल के नहीं हो जाते, तब तक इंतजार न करें। दरअसल किसी भी हॉबी या शौक का होना आपको गतिशील बनाए रखता है। इस बहाने आप सक्रिय बने रहते है। ऐसी गतिविधियों को ढूंढने की कोशिश करें जिन्हें आप शौक के तौर पर तब्दील कर सकें। अगर कोई शौक हो जो आपको प्रसन्न रखता है तो इसका दिलोदिमाग के अलावा शरीर पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। इससे ना सिर्फ शरीर की सक्रियता बढ़ती है बल्कि आप बढ़ती उम्र में भी रचनात्मक बने रहते हैं। अध्ययनों से यह साबित होता है कि सार्थक गतिविधियों में जुड़ने रहने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम हो सकता है।
अपनी आंखों की देखभाल करें:
उम्र चाहे कोई भी हो आंखों की देखभाल उसी शिद्दत से जरूरी है। काफी लोगों की 40-45 साल के बाद आंखों की रोशनी कम होने लगती है। समय समय पर आंखों की जांच जरूर करवाते रहे। आंखों की देखभाल को नजरअंदाज किसी भी हाल में नहीं करें। आंखों से आप पूरे दिन किस प्रकार काम लेते है इस बात का ध्यान रखें।
अगर कंप्यूटर पर आप ज्यादा वक्त काम करते हैं तो उसकी देखभाल भी उसी प्रकार से होना चाहिए। कभी कभार आंखों में थोड़ा पावर आ जाता है लेकिन काफी लोग उसे नजरअंदाज करते हुए बिना चश्मा के काम करते हैं, यह गलत है। जरा सी भी पावर हो तो आंखों के चश्मे को ब्लू कट में बनवाए ताकि आप कंप्यूटर या मोबाइल का स्क्रीन पर बिना अतिरिक्त जोर के काम कर सकें।
नींद नींद के वक्त है जरूरी:
इस बात का ध्यान रखें कि बढ़ती उम्र में भूख के साथ नींद भी कम होती जाती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि नींद की जरूरत हमें नहीं है या फिर कम नहीं से भी काम चल जाएगा। नींद शरीर को सेहतमंद रखने के लिए बेहद जरूरी है। कम नींद या फिर अनिद्रा आपको बीमार बना सकती है। इसलिए चाहे वर्किंग डेज हा यो वीकेंड नींद वक्त पर आए इसका ध्यान रखियए। 6 से 8 घंटे की नींद हर हाल में जरूरी है। बेहतर और अच्छी नींद के लिए, अपने बेडरूम को अंधेरा, शोर-रहित और ठंडा रखें।
जीवनशैली को अनुशासन की डोर से बांधना जरूरी
कुल मिलाकर बात यही है कि बढ़ती उम्र में आपको अनुशासन की डोर से बांधना सही होता है। मसलन आप हर दिन सही वक्त पर कसरत जरूर करें। इसमें कोताही नहीं होनी चाहिए। आपको सही वक्त पर नाश्ता,खाना लेना है। जितनी जरूरत हो उतना ही खाए लेकिन नाश्ता,लंच या डिनर में किसी को नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। आप दीर्घायु होना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि अपनी दिनचर्या को अनुशासित रखें और अपनी जीवनशैली से वैसी चीजों को दूर रखें जो आपको बीमार कर दें।