- प्रेग्नेंसी और ब्लड लॉस- इंटरनल ब्लीडिंग होता है कारण
- आनुवांशिकता भी हो सकता है एनीमिया का कारण
- आयरन की पूर्ति के लिए खाएं चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां
Iron Deficiency: महिलाओं को हर महीने महावारी के चक्र से गुजरना पड़ता है। महावारी में कई बार अत्यधिक रक्त स्त्राव होने से कई महिलाओं में खून की कमी भी हो जाती है। खून की कमी होने पर अधिकांश महिलाओं में एनीमिया की समस्या भी देखने को मिलती है। ये समस्या 45 की उम्र के बाद अक्सर बढ़ती जाती है। दरअसल, 45 की उम्र के बाद महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी देखने को मिलती है। ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को भी एनिमिया होने का खतरा अधिक होता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं एनीमिया के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में-
एनीमिया के कारण
शरीर में एनीमिया की समस्या तब होती है, जब रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन का लेवल घटता जाता है। दरअसल, हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में एक तरह का प्रोटीन होता है, जो ऑक्सीजन को टिशूज तक पहुंचाता है। आयरन की कमी, प्रेग्नेंसी और ब्लड लॉस- इंटरनल ब्लीडिंग, आनुवांशिक कारण, मेनोपॉज और हार्मोनल बदलाव एनीमिया के मुख्य कारण होते हैं।
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एनीमिया के लक्षण
- चक्कर का आना
- हर वक्त बेवजह थकान होना
- त्वचा की रंगत का पीला पड़ना
- तलवे और हथेलियों का ठंडा रहना
- आंखों के नीचे काले घेरे
- बॉडी टेम्प्रेचर कम होना
- सीने में दर्द उठना
- सिर में हमेशा दर्द बना रहना
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एनीमिया को दूर करने के लिए डाइट
एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए अपनी डाइट में आयरन युक्त चीजों को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, ब्रोकली, पत्तागोभी, शलजम, शकरकंद, ड्राई फ्रूट्स, खजूर, किशमिश, बादाम, अनार, तरबूज, सेब और अंगूर का सेवन कर सकते हैं।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)