- 2021 में भारत पर छाया बर्ड फ्लू का खतरा।
- दिल्ली और महाराष्ट्र समेत 9 प्रदेशों में बर्ड फ्लू के इंफेक्शन ने दिया दस्तक।
- क्या बर्ड फ्लू के बीच सुरक्षित है अंडे और चिकन खाना?
साल 2020 में पूरी दुनिया समेत भारत ने कई विभत्स घटनाओं का सामना किया है। कोरोनावायरस से लेकर अर्थव्यवस्था के अपंग होने तक समूचे मानव जाति ने कई कठिनाइयों का सामना किया है। अब नए साल यानी 2021 की शुरुआत में भारत पर बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली, पंजाब और राजस्थान समेत भारत के 9 प्रदेशों में बर्ड फ्लू का इन्फेक्शन पहुंच गया है। बर्ड फ्लू के इंफेक्शन को ट्रांसमिट होने से रोकने के लिए पक्षियों को मारने का आदेश दिया गया है। इसी बीच मांसाहारी लोग जो अंडे और चिकन का सेवन करते हैं वह परेशान हैं। लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि बर्ड फ्लू के दौरान उन्हें अंडे या चिकन का सेवन करना चाहिए या नहीं?
क्या आप भी इस दुविधा में हैं कि बर्ड फ्लू के बीच आपको चिकन या अंडा खाना चाहिए या नहीं तो हम आपके इस सवाल का उत्तर लेकर आए हैं। जानकारों से जानिए की बर्ड फ्लू इंसानों के लिए खतरनाक है या नहीं और इस समस्या के दौरान अंडे या चिकन का सेवन करना हानिकारक है या नहीं।
इंसानों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है बर्ड फ्लू?
एवियन फ्लू एक खतरनाक इंफेक्शन माना जाता है जो इंसानों के अंदर पक्षियों के मल या दूसरे किसी माध्यम से ट्रांसमिट हो सकता है। हालांकि, यह इंफेक्शन एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता है। दुनिया में ऐसे केस को बहुत कम रिकॉर्ड किया गया है। अगर इंसान इस इंफेक्शन से पीड़ित हो जाता है तो उस इंसान के अंदर एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम के लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे खांसी, सर्दी, सीने में दर्द और खराब गला। अगर यह समस्या बढ़ती चली गई तो इससे बहुत हानि पहुंच सकती है। वहीं इस बात का खतरा भी है कि लोगों के अंदर यह इंफेक्शन चिड़ियों के अंडे और बर्ड मीट खाने से ट्रांसमिट हो सकता है।
क्या अंडे और बर्ड मीट खाने से इंसानों में यह इंफेक्शन ट्रांसमिट हो सकता है?
विज्ञान की मानें तो अंडे और बर्ड मीट की वजह से किसी स्वस्थ इंसान के अंदर यह इंफेक्शन ट्रांसमिट होने के आसार थोड़े कम है। अगर चिड़ियों से प्राप्त किए गए खाद्य पदार्थ को अच्छे से धोकर और पकाकर खाया जाए तो वह किसी भी तरह से हानिकारक नहीं होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी यह मानता है कि अगर बर्ड मीट या पोल्ट्री प्रोड्यूस को आग में अच्छे से पकाया जाए तो उसके अंदर मौजूद कीटाणु, रोगजनक और वायरस मर जाते हैं। जो लोग मांसाहारी खाना पसंद करते हैं उन्हें यह तरीका जरूर अपनाना चाहिए।
एक्सपर्ट्स यह बताते हैं कि पोल्ट्री प्रोड्यूस और बर्ड मीट को 70 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर पकाना चाहिए। पदार्थ के अनुसार उसे उबालकर खाना भी सेफ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को यह हिदायत दी है कि पोल्ट्री प्रोड्यूस और बर्ड मीट को किसी विश्वसनीय जगह से खरीदा या लिया जाए। यूएन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन का मानना है कि इंफेक्शन से पीड़ित पक्षियों को फूड चेन से अलग कर दिया जाना सही रहेगा।
क्या अंडे और चिकन को सिर्फ धोने से काम चलेगा?
जी नहीं, अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि बाहर से लाए गए अंडे और चिकन को सिर्फ धोने से वह खाने लायक हेल्दी हो जाएंगे तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं। इन पदार्थों को धोने के बाद आप एक पेपर टॉवल से इन्हें साफ कर सकते हैं। साफ करने के बाद उचित तापमान पर इन पदार्थों को पकाने से इनके अंदर मौजूद कीटाणु मर जाएंगे।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यह सलाह देते हैं कि बासी अंडों को खरीदने से बचिए और हर एक चीज का अच्छे से ध्यान रखिए।
अगर आप रेस्टोरेंट में जाकर यह खाना चाहते हैं तो ऑर्डर करने से पहले उसकी क्वालिटी जरूर चेक कर लीजिएगा। इस समय यह बेहतर होगा कि आप घर में ही बर्ड मीट और पोल्ट्री प्रोड्यूस को बनाकर खाएं। अंडा पकाते समय यह ध्यान रखिए कि अंडे की जर्दी पकाते समय अच्छे से पक जानी चाहिए। अगर अंडे को तोड़ते समय वह बह रहा है तो उस अंडे को खाने से बचिए।
इन पदार्थों को धोने के साथ आपको अपने हाईजीन का भी ध्यान रखना है। खाना बनाने से पहले और बनाने के बाद अपने हाथों को 20 से 30 सेकंड के लिए अच्छे से धोइए।