- दुनिया की जानी-मानी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन बना रही है कोविड-19 का टीका
- परीक्षण के तीसरे चरण में वॉलिंटियर में 'अजीब बीमारी' मिलने के बाद कंपनी ने परीक्षण रोका
- कोविड-19 के टीके पर दुनिया के कई देशों में चल रहा है काम, अगले साल तक टीका आने की उम्मीद
नई दिल्ली : दुनिया की नामी दवा निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने अपने कोरोना टीके का क्लिनिकल परीक्षण रोक दिया है। दवा कंपनी ने एक वॉलंटियर में 'अजीब बीमारी' का लक्षण दिखने पर अपना ट्रायल स्थगित कर दिया है। जॉनसन एंड जॉनसन का यह टीका अपने परीक्षण के तीसरे चरण में था। दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के टीकों पर काम चल रहा है और कई जगहों पर ये टीके अपने परीक्षण के अंतिम दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के परीक्षण पर रोक लगने से लोगों को झटका लगा है।
कंपनी ने कोविड-19 टीके के सभी ट्रायल रोके
सोमवार देर रात जारी अपने एक बयान में जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा, 'हमने अपने फेज-3 के परीक्षण सहित कोविड-19 के सभी वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल रोक दिया है। कंपनी ने अपने एक वॉलंटियर में एक अजीब बीमारी मिलने के बाद यह कदम उठाया है। गाइडलाइन का पालन करते हुए वॉलंटियर की बीमारी का पता लगाया जा रहा है। डाटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (डीएसएमबी) के साथ-साथ हमारे आतंरिक क्लिनिकल एवं सुरक्षा से जुड़े डॉक्टर इस बीमारी की जांच कर रहे हैं।'
कंपनी ने 60 हजार लोगों पर परीक्षण किया
पिछले महीने जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा था कि कोविड-19 के उसके प्रायोगिक टीके में कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरोधक क्षमता दिखी। हालांकि, टीके की शुरुआत से मध्य के बीच हुए परीक्षण में यह बात सामने आई थी। इसके बाद कंपनी ने उत्साहित होकर 60,000 लोगों पर क्लिनिकल परीक्षण करना शुरू किया। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि उसका टीका इस साल के अंत में अथवा 2021 की शुरुआत में आ जाएगा।
बीमारी का पता करने में जुटी कंपनी
वॉलंटियर को किस तरह की बीमारी हुई है, इसके बारे में जॉनसन एंड जॉनसन ने कोई ब्यौरा नहीं दिया है। कंपनी ने कहा है, 'हमें वॉलिंटियर की निजता का जरूर पालन करना चाहिए। हम उसकी बीमारी के बारे में और जानकारी एकत्र कर रहे हैं। बीमारी के बारे में बताने से पहले उसके बारे में सभी महत्वपूर्ण तथ्य रखना जरूरी है।'
कंपनी ने माना ट्रायल में इस तरह की बात सामने आती है
कंपनी ने यह भी कहा है कि वैक्सीन ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स में इस तरह की बीमारी का सामने आना एक सामान्य घटना है। कंपनी का कहना है कि ट्रायल पर यह रोक हमेशा के लिए नहीं है क्योंकि क्लिनिकल ट्रायल में इस तरह की चीजें होती रहती हैं। कोविड-19 का टीका विकसित करने में जुटे एस्ट्राजेनेका एवं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को भी पिछले महीने अपने टीके का क्लिनिकल ट्रायल रोकना पड़ा। एस्ट्राजेनेका के एक वॉलंटियर में भी एक 'अजीब बीमारी' दिखी थी जिसके बाद ब्रिटेन एवं भारत में इस वैक्सीन का ट्रायल रोकना पड़ा।