- डिमेंशिया से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने दिमाग को एक्टिव रखें
- दिमाग को तेज रखने के लिए शारीरिक गतिविधि सबसे अच्छी चीज है
- डिमेंशिया एक वैश्विक चिंता है लेकिन यह अक्सर अमीर देशों में देखा जाता है,
Dementia Disease: डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे लोगों की इंसान की याददाश्त कमजोर होने लगती है और वह चीजें भूलने लगते है। इस बीमारी पर काम करते हुए रिसर्चर ने इसे दूर करने का कुछ तरीका ढूंढा है जिसे अपनाकर लोग अपनी इस बीमारी को कम कर सकते हैं। डिमेंशिया यानी मनोभ्रंश से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने दिमाग को एक्टिव रखें। आइए जानते हैं क्या है वह तरीका--
एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो लोग नियमित रूप से किताबें पढ़ते हैं, संगीत या म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाते हैं या एक पर्सनल डायरी रखते हैं, उनमें इस स्थिति के विकसित होने का जोखिम 23 प्रतिशत कम होता है। वही नियमित रूप से खेल खेलने वाले योगा करने वाले और डांस करने वालों में 17% सुरक्षात्मक प्रभाव पाया गया।और शादीशुदा लोगों में कुंवारे लोगों की तुलना में डिमेंशिया विकसित होने का जोखिम 7 प्रतिशत कम होता है।
2 मिलियन मध्यम आयु वर्ग और बूढ़े लोगों से जुड़े दर्जनों अध्ययनों के विश्लेषण में यह पाया गया कि दिमाग को तेज रखने के लिए शारीरिक गतिविधि सबसे अच्छी चीज है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि एक क्लब में शामिल होना, स्वयंसेवा करना, दोस्तों और परिवारों के साथ समय बिताना या धार्मिक आयोजनों में जाना, इन सब का इंसान के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
डिमेंशिया क्या है?
मनोभ्रंश (डिमेंशिया) एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान की याददाश्त कमजोर हो जाती है। इस बीमारी(डिमेंशिया) के कारण इंसान की दिमागी क्षमता धीरे- धीरे कम होने लगती है। ऐसा दिमाग की बनावट में शारीरिक बदलावों के कारण होता है। ये बदलाव याददाश्त, सोच, आचरण तथा मनोभाव को प्रभावित करते हैं।
डिमेंशिया के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें से अल्जाइमर रोग सबसे आम है। डिमेंशिया बीमारी की अन्य किस्में- नाड़ी संबंधी डिमेंशिया, लुई बाड़िस वाला डिमेंशिया और फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया शामिल हैं।
Also Read: How to Boost Memory: इस तरह बूस्ट करें बच्चों की मेमोरी, अपनाएं ये सात आसान तरीके
कुछ लोगों में डिमेंशिया के प्रकारों का कॉन्बिनेशन (संयोजन) हो सकता है
डिमेंशिया एक वैश्विक चिंता है लेकिन यह अक्सर अमीर देशों में देखा जाता है, जहां लोगों के बहुत बुढ़ापे में रहने की संभावना होती है। कुछ लोगों में डिमेंशिया के अलग - अलग टाइप का कॉन्बिनेशन भी हो सकता है। इसलिए प्रत्येक इंसान अपने मनोभ्रंश का अपने अनूठे तरीके से अनुभव करेगा।
कितने लोग प्रभावित हैं?
अल्जाइमर सोसाइटी की रिपोर्ट है कि आज ब्रिटेन में 9 लाख से अधिक लोग मनोभ्रंश के साथ जी रहे हैं। यह 2040 तक बढ़कर 1.6 मिलियन हो जाने का अनुमान है। अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है, जो निदान किए गए लोगों में से 50 से 75 प्रतिशत के बीच प्रभावित होता है।
अमेरिका में, यह अनुमान है कि 6 मिलियन अल्जाइमर पीड़ित हैं। आने वाले वर्षों में इसी तरह की प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उनमें डिमेंशिया विकसित होने का खतरा भी होता है। डिमेंशिया के इलाज की दरों में सुधार हो रहा है, लेकिन माना जाता है कि डिमेंशिया से पीड़ित कई लोग अभी भी ठीक नहीं हो पाएं हैं।
क्या कोई इलाज है?
वर्तमान में डिमेंशिया का कोई इलाज नहीं है। लेकिन नई दवाएं इसकी प्रगति को धीमा कर सकती हैं और जितनी जल्दी इसका पता चल जाता है, उतने ही प्रभावी तरीके से इलाज हो सकता है इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, यानी डॉक्टर केवल वही दवाएं लिख सकते हैं जो इसके लक्षणों को कम करती हैं।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)