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कोरोना से हो गए नेगेटिव, लेकिन वापस नहीं आया Taste, जानें क्या करना चाहिए

Updated Jun 27, 2021 | 21:26 IST

कोरोना वायरस से संक्रमित हुए कई लोगों की स्वाद और गंध लेने की क्षमता चली गई। वो बाद में नेगेटिव हो गई, लेकिन टेस्ट और गंध नहीं लौटी। ऐसे में सवाल है कि इसमें कितना समय लग सकता है।

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कई लोगों का गया था स्वाद
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के दौरान लोगों की सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता चली गई
  • कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी कई लोगों को स्वाद नहीं आया
  • स्वाद और गंध को वापस आने में लग सकता है एक साल का वक्त: स्टडी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षणों में से एक स्वाद का न आना है। कई कोरोना संक्रमितों को न कोई टेस्ट आता है और कई की सूंघने की क्षमता चली जाती है। कई बार ऐसा भी होता है कि कोरोना पॉजिटिव से लोग नेगेटिव हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी उनका टेस्ट और स्मैल वापस नहीं आती है। ऐसे में सवाल है कि क्या इससे परेशान होने की जरूरत है। 

'आकाशवाणी समाचार' के अनुसार, जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि अगर किसी का कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी टेस्ट और स्मैल नहीं आया तो परेशान न हों। यह कोई बड़ी परेशानी नहीं है। इसमें कुछ दिन से लेकर कुछ महीने तक का समय लग सकती है। चूंकि जब वायरस हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है तो टेस्ट और स्मैल चले जाते हैं। लेकिन धीरे-धीरे यह सामान्य हो जाएगा। अपनी दिनचर्या जिस तरह से है उसी तरह रखें यानि हेल्दी खाना खाएं, हल्की एक्सरसाइज करें, पानी खूब पीएं।

स्वाद और गंध को वापस आने में लग सकता है एक साल का वक्त : स्टडी

हालिया एक शोध में खुलासा हुआ है कोरोना में गई सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता को वापस लौटने में एक साल का वक्त लग सकता है। साल 2020 की शुरूआत से फैली इस महामारी से संक्रमित होने के बाद लोगों में सूंघने और स्वाद लेने में दिक्कत आने की समस्या देखी गई। इसका लोगों की जिंदगी पर काफी असर पड़ा। जामा नेटवर्क ओपन में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, फ्रांस में स्ट्रासबर्ग के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स के शोधकतार्ओं ने कोरोना से पीड़ित 97 मरीजों का निरीक्षण किया, जिनमें पूरे एक साल तक के लिए स्वाद लेने और सूंघने की क्षमता चली गई थी। हर चार महीने में इन पर एक सर्वेक्षण किया गया। 

97 में से 51 मरीजों को खुद पर गंभीरता से ध्यान रखने को कहा गया, ताकि जैसे ही उनमें सूंघने या स्वाद लेने की क्षमता वापस आए, वे इसकी जानकारी शोधकतार्ओं को दे सके। आठवें महीने में 51 में से 49 मरीजों ने पाया कि अब वे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उनमें सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता वापस आ गई है। बाकी बचे दो रोगियों में एक, जो पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ था, वह सूंघने में तो सक्षम था, लेकिन सही तरीके से नहीं। दूसरा मरीज शोध के अंत तक भी सूंघने में सक्षम नहीं हो पाया था। जबकि बाकी के 46 कोविड रोगियों को ऑब्जेक्टिव टेस्टिंग में से होकर नहीं गुजरना पड़ा। इन्होंने पूरे एक साल के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाने की सूचना दी।