- कोरोना वायरस से पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है
- पेरेंट्स के लिए अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता भी बढ़ गई है
- कोरोना का बच्चों पर कितना असर होता है इस बारे में लोगों के पास कम ही जानकारी है
कोरोना वायरस से पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है और ऐसे में खासतौर से नवजात बच्चों के पेरेंट्स का परेशान होना लाज़िमी है, वैसे तो ये जानकारी है की सीनियर सिटीजन और अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना होने का ज़्यादा खतरा है, पर कोरोना का नवजात बच्चों पर कितना असर होने वाला है इसके बारे में बहुत काम जानकारी है।
जहां जवान लोगो को मास्क पहनना जरुरी है तो वही नवजात बच्चों को मास्क पहनाना सेफ नहीं बताया गया है। पूरे विश्व के पेरेंट्स चिंतित है की किस तरह वो अपने बच्चों की रक्षा करें।
डॉ गौतम सप्रे सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ BSES हॉस्पिटल मुंबई ने कुछ सवालों के जवाब दिए। डॉक्टर के ये सलाह खासतौर से मददगार हो सकते हैं उन पेरेंट्स के लिए जो इस बात से चिंतित हैं कि वे किस तरह से अपने नवजात बच्चों की देखभाल करें।
डॉ सप्रे के साथ इंटरव्यू के कुछ सवाल और उनके जवाब-
1-डॉक्टर माँ से बच्चे को कोरोना होना संभव है ?
डॉ सप्रे - अगर माँ को डिलीवरी से 14 से 28 दिन पहले इन्फेक्शन होता है तो गर्भ में पल रहे बच्चे को इन्फेक्शन होने की पुरी सम्भावना है।
2-जन्म के बाद बच्चे का कोरोना टेस्ट कब करवाना चाहिए ?
डॉ सप्रे- अगर माँ कोरोना पॉजिटिव है तो बच्चे का जन्म के तुरंत बाद कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए और अगर टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो 48 घंटे के बाद दोबारा टेस्ट होना चाहिए।
3-अगर माँ कोरोना पॉजिटिव हैं तो क्या नवजात बच्चे को माँ से दूर रखना चाहिए?
डॉ सप्रे- अगर संभव है तो माँ बच्चे को अलग अलग रखना चाहिए और बच्चे की देखभाल के लिए पूर्ण रूप से परिवार का कोई सदस्य या आया होनी चाहिए, बच्चे को माँ का एक्सप्रेस्ड दूध ही पिलाना चाहिए जब तक वो कोरोना नेगेटिव नहीं होती।
ज़्यादातर मामलों में माँ बच्चे को अलग अलग करना पॉसिबल नहीं होता है तो ऐसे में माँ बच्चे को साथ में ही रखा जाता है। डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग की जानी चाहिए। इस दौरान माँ को हाइजीन का बहुत ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को दूध पिलाते वक़्त माँ को ट्रिपल लेयर मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
4 -कोरोना पॉजिटिव माँ बच्चे को ब्रेस्टफीड करवा सकती है?
डॉ सप्रे- अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं की अगर माँ कोरोना पॉजिटिव हैं तो ब्रेस्टमिल्क की वजह से बच्चे को भी कोरोना हो सकता है।उल्टा ब्रेस्टमिल्क बच्चे के लिए ज़्यादा फायदेमंद है, इससे बच्चे की रोगप्रतिरोधक क्षमता और बढ़ेगी।
5 -डॉ अगर माँ निगेटिव है तो बच्चे के पॉजिटिव होने की सम्भावना है ?
डॉ सप्रे- नवजात बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाने की सलाह नहीं दी जाती है अगर माँ कोरोना नेगेटिव है तो, लेकिन बच्चे को किसी और से भी इन्फेक्शन होने की सम्भावना है।
6 -(0 -5 ) साल के बच्चों में इन्फेक्शन होना कितना खतरनाक हो सकता है?
डॉ सप्रे- बच्चे जिनको पहले से कोई बीमारी है उनके लिए इन्फेक्शन ज़्यादा खतरनाक होगा।
7 -कोरोना पॉजिटिव बच्चे का टीकाकरण करवा सकते हैं?
डॉ सप्रे - बच्चा जब तक इन्फेक्शन से रिकवर नहीं करता तब तक टीकाकरण रोक देना चाहिए।
8 -बच्चों को लगने वाले BCG और MMR टीका कोरोना की रोकथाम में फायदेमंद है?
डॉ सप्रे- वैज्ञानिको को इस मामले में कुछ मदद मिली है लेकिन इस बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है कि ये कोरोना के रोकथाम में फायदेमंद है ही।
9 -अगर बच्चा कोरोना पॉजिटिव हैं तो कौन सी दवाइयां उसे देने से बचना चाहिए?
डॉ सप्रे- जब कोरोना की शुरुआत हुई तो ये बात सामने आई की आइब्रुफेन से पेशेंट की हालत और ख़राब हो रही थी, तो उस वक़्त अवॉयड करने की सलाह दी जाती थी, लेकिन अब इस तरह की सलाह नहीं दी जाती है।
10 . ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली कोरोना पॉजिटिव माँ को कौन सी दवाइयां नहीं लेनी चाहिए?
डॉ सप्रे- ब्रेस्टफीड करवाने वाली माँ को जो दवाइयां रेकमेंड की जाती है वो बच्चों के लिए सुरक्षित होती हैं।
11 -डॉ बच्चों में कोरोना के कुछ असामान्य लक्षण पाए गए है क्या?
डॉ सप्रे- कोरोना से सम्बंधित शोध अभी लगातार जारी है तो इस बारे में अभी कहना जल्दी होगा। फिलहाल में तो तेज बुखार, कफ़, साँस लेने में समस्या, उल्टी आना, डायरिया को ही लक्षण माना जा रहा है।
12 -टेलीमेडिसिन बच्चों के लिए कितना उचित है ?
डॉ सप्रे- क्लीनिकल एग्जामिनेशन का कोई विकल्प नहीं है। बच्चों का टीकाकरण टाइम पर करवाना चाहिए थोड़ी बहुत देर संभव है, लेकिन टीकाकरण जरूर होना चाहिए। अगर किसी भी बच्चे में कोरोना का कोई भी लक्षण दिखता है तो उसे तुरंत नज़दीकी कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में तुरंत दिखाना चाहि।
13 - आप पहली बार माँ बनी महिलाओं को क्या सलाह देना चाहेंगे?
डॉ सप्रे- सबसे पहले तो मानसिक रूप से स्ट्रांग रहें। ये वक़्त बीत जायेगा, अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें। पेरेंटहुड का आनंद लें, क्यूंकि ये सुनहरा पल दोबारा लौटकर नहीं आएगा। अगर आप खुश रहेंगे तो बच्चे पर इसका पॉजिटिव असर होगा। बच्चों को स्ट्रेस्ड पेरेंट्स नहीं चाहिए क्यूंकि इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।