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जानिए क्या है हाथ, पैर और मुंह की बीमारी HFMD, जिससे पीड़ित थीं चारू असोपा-राजीव सेन की बेटी जियाना

Updated Aug 08, 2022 | 21:04 IST

HFMD Disease symptoms and treatment:  टीवी एक्ट्रेस चारू असोपा ने हाल में सोशल मीडिया पर एक वीडियों साझा किया है। जिसमें उन्होंने बताया है, कि उनकी 8 महीने की बेटी जियाना इन दिनों एचएफएमडी बीमारी से जूझ रही हैं। जानिए क्या है ये बीमारी और इसके लक्षण...

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Charu Asopa Daughter
मुख्य बातें
  • सुष्मिता सेन की 8 महीने की भतीजी गंभीर बीमारी से हैं पीड़ित
  • सुष्मिता सेन की भाभी चारू असोपा ने यूट्यूब चैनल पर जानकारी दी
  • जानें इस गंभीर बीमारी के लक्षण, कारण और उपचार

HFMD Disease Symptoms and Causes: टीवी एक्ट्रेस चारू असोपा और उनके पति राजीव से अलगाव की खबर को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी 8 महीने की बेटी जियाना की बीमारी के बारे में बताया। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर बताया है, कि उनकी बेटी जियाना एचएफएमडी से पीड़ित है। जिसकी वजह से वह कुछ खा-पी नहीं पा रही है।  उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहती हूं कि इस बुरे समय में मेरी बच्ची खुद को अकेला महसूस करें। मैं हर पल उसके साथ हूं।  

चारू असोपा ने बताया जियाना बहुत रो रही थीं। जिसके बाद उन्होंने उसे दवा दी और 2:30 पर अपनी बच्ची को अस्पताल ले गई। पति राजीव के साथ उनकी तलाक की बात चल रही है, इसलिए वह इन दिनों अकेले ही अपने बच्चे की देखभाल करती हैं। उन्होंने बताया कि मैंने अब तक अपने बच्चे की देखभाल पूरे हिम्मत से की है, लेकिन अस्पताल जाते समय मैं बिल्कुल टूट गई। उन्होंने वीडियो के कहा कि मैं बस धैर्य रखना और जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखना चाहती हूं। आइए जानते हैं क‍ि एचएफएमडी डिसीज क्‍या होती है और इससे बच्चे को कैसे बचाया जा सकता है।

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क्या है एचएफएमडी बीमारी? (HFMD Disease)
जानकारों के मुताबिक एचएफएमडी बच्चों की एक आम संक्रमण बीमारी है। बरसात के दिनों में यह और भी सक्रिय हो जाते हैं। यह वायरस ग्रुप में अटैक करते हैं। जिसकी वजह से एक साथ कई बच्चे इस बीमारी का शिकार बन जाते हैं। इन वायरस की वजह से चेहरे पर, हाथ में, पैर पर,टॉन्सिल के आसपास या पाचन तंत्र में बड़े-बड़े दाने निकल आते हैं। जानकारों के मुताबिक यह परिस्थिति बहुत ही दर्दनाक होती है।

एचएफएमडी बीमारी के कारण
यह बीमारी वायरस संक्रमित व्यक्ति के नाक, नाक और गले के स्राव जैसे लार,थूक या नाक के बलगम, छाले के तरल पदार्थ और मल में पाए जाते हैं। आपको बता दें यह हवा के संपर्क में आने से भी तेजी से फैल सकता है। ऐसे रोगियों से अक्सर डॉक्टर दूर रहने की सलाह देते हैं।

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एचएफएमडी बीमारी के लक्षण
इस बीमारी में बच्चे को सबसे पहले बुखार आता है। जो 2 से 3 दिनों तक रहता है। इसके अलावा शरीर में दाने मुंह के अंदर छाले या फफोले निकल आते हैं। यह 8 से 10 दिनों तक रहता है। ऐसे में बच्चे खुद को अस्वस्थ महसूस करने लगते हैं। इसके अलावा बच्चों में भूख की कमी भी दिखाई देने लगती है। वह बहुत चिड़चिड़ा हो जाते हैं। इस बीमारी में बच्चे बहुत जल्दी थक जाते हैं।

एचएफएमडी बीमारी का इलाज

  •  जानकारों के मुताबिक फिलहाल इस बीमारी का कोई टीका नहीं है। 
  • आइस पॉप, दही गले की खराश को शांत कर सकते हैं। 
  • इस बीमारी में बच्चे को जूस और सोडा से दूर रखें। 
  • रैशेज होने पर कैलेमाइन एंटी-इच लोशन लगाएं।

एचएफएमडी बीमारी का रोकथाम
यह बीमारी ज्यादातर लार और मल के माध्यम से फैलता हैं। इसलिए बच्चे का डाइपर बदलते समय या नाक साफ करते समय अपने हाथों को सावधानी से धोएं। बच्चों के हाथों को साबुन और पानी देकर साफ करें। बच्चे के छिकने या खासने पर अपना मुंह और नाक ढक कर रखें। 

बच्चे के खिलौना को हमेशा साफ कर ही उन्हें खेलने के लिए दें।  इस बीमारी में बच्चे को कभी गले ना लगाएं और ना ही चुनने की कोशिश करें। बच्चे को स्कूल या डे -केयर में ना भेजें। यदि आपको किसी प्रकार का संदेह हो, तो चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।


( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)