नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए अभी बचाव ही सबसे बढ़िया उपाय है। चूंकि बीमारी का कोई विशिष्ट उपचार अभी तक मौजूद नहीं है। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को कहा गया है। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों से कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखने को कहा गया है ताकि संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके। लेकिन दक्षिण कोरिया की एक नई स्टडी से सामने आया है कि कोविड 19 सिर्फ बाहर ही नहीं बल्कि इंडोर यानी बंद जगह में भी फैल रहा है।
इस स्टडी में दावा किया गया है कि कोविड 19 के इंडोर ट्रांसमिशन से 5 मिनट में 20 फीट की दूरी पर भी संक्रमित शख्स से दूसरा शख्स संक्रमित हो गया। डॉ. ली जू-ह्युंग, जो कि एक महामारीविद हैं, उन्होंने दक्षिण-पश्चिमी दक्षिण कोरिया के शहर जोंजू में एक रेस्तरां में ऐसी स्थितियों को बनाया। यहां भोजन करने वाले लोग शहर के बाहर से आए विजिटर से कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए।
20 फीट की दूरी पर संक्रमित
वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में एक हाई स्कूल का छात्र था, जो 5 मिनट में 20 फीट से अधिक की दूरी से संपर्क में आने के बाद बीमार हो गया। ये अध्ययन ली और अन्य महामारी विज्ञानियों द्वारा किया गया। उन्होंने एक इंजीनियर की भी मदद ली जो वायुगति विज्ञान में माहिर थे। अध्ययन के परिणाम पिछले हफ्ते, जर्नल ऑफ कोरियन मेडिकल साइंस में प्रकाशित किए गए। अध्ययन के निष्कर्षों में इस पर सवाल उठाए गए कि वायरस के जोखिम को रोकने के लिए छह फीट की दूरी काफी है।
हवा से भी फैलता है कोरोना वायरस का संक्रमण; वैज्ञानिकों की राय
इस साल जुलाई में सामने आया था कि कई वैज्ञानिकों का मानना है कि हवा में छोटे-छोटे कणों में मौजूद कोरोना वायरस लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। 'न्यूयॉर्ट टाइम्स' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए एक ओपन लेटर लिखा गया था। इस रिपोर्ट में शामिल 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों के मुताबिक हवा के छोटे कणों में मौजूद कोरोना वायरस व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 'चाहे छींकने के बाद मुंह से निकले थूक के बड़े कण हों या फिर बहुते छोटे कण हों, जो पूरे कमरे में फैल सकते हैं। जब दूसरे लोग सांस खींचते हैं तो हवा में मौजूद यह वायरस शरीर में एंट्री कर उसे संक्रमित कर देता है।'