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रिसर्च में चौंकाने वाला दावा, 11 दिन बाद संक्रमण नहीं फैला सकता कोरोना मरीज

Coronavirus study reveals lots about infection
Updated May 26, 2020 | 09:37 IST

Coronavirus News: कोविड-19 को लेकर एक ताजा रिसर्च में चौंकाने वाला दावा किया गया है। इसमें कोरोना मरीज व वायरस की संक्रमण शक्ति पर स्टडी की गई थी।

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Coronavirus study reveals lots about infectionCoronavirus study reveals lots about infection
तस्वीर साभार:&nbspAP
Coronavirus study reveals lots about infection
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस को लेकर एक स्टडी में किया गया है चौंकाने वाला खुलासा
  • रिसर्च में दावा कि कोविड-19 का मरीज 11 दिन तक ही फैला सकता है संक्रमण
  • दावा किया कि 11 दिन बाद पॉजिटिव होने पर भी वायरस का संक्रमण नहीं फैला सकता मरीज

कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया हुआ है। वायरस के संक्रमण से विश्व में 55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं और तकरीबन 3 लाख 47 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस वायरस को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिक आए दिन नए-नए दावे लेकर सामने आ रहे हैं। कभी ये वैक्सीन व इसके इलाज से जुड़े दावे होते हैं तो कभी कुछ नए खुलासे। एक ताजा रिसर्च में कुछ चौंकाने वाली बातें निकलकर सामने आई हैं जो कि इस वायरस की संक्रमण शक्ति से जुड़ी हैं।

सिंगापुर के कुछ वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के बाद दावा किया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति लक्षण दिखने से दो दिन पहले से लोगों को संक्रमित करना शुरू कर देता है। लेकिन इस रिसर्च में जो सबसे बड़ा दावा किया गया है, वो ये है कि संक्रमित व्यक्ति बीमार होने के बाद 11 दिन तक ही संक्रमण फैला सकता है, उसके बाद नहीं।

टेस्ट पॉजिटिव आने पर भी नहीं

इस रिसर्च में ये भी दावा किया गया है कि बीमारी के 11 दिन बाद इलाज के दौरान अगर संक्रमित व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव भी आया, तब भी वो संक्रमण नहीं फैला सकता। संक्रमित व्यक्ति बीमार होने के बाद तकरीबन 7 से 10 दिन तक ही वायरस को दूसरे लोगों में फैला सकता है। बीमार होने के मुख्य लक्षण तेज बुखार और लगातार सूखी खांसी आना हैं।

73 मरीजों से संबंधित रिसर्च

'संबंधित सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शस डीजीस एंड एकेडमी ऑफ मेडिसिन' के वैज्ञानिकों ने इस स्टडी के दौरान 73 कोरोना मरीजों पर रिसर्च की। इसमें ये पाया गया कि जिन मरीजों में दो हफ्तों के बाद भी लक्षण मौजूद रहते हैं और टेस्ट पॉजिटिव आता है, उन लोगों के अंदर वायरस के वो कण मौजूद रहते होंगे जो किसी और को बीमार करने में सक्षम नहीं होते।

ठीक होने वाले मरीजों को लेकर मदद करेगी रिसर्च

बताया जा रहा है कि इस रिसर्च का फायदा डॉक्टरों को मिल सकता है जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। जब किसी मरीज में ठीक होने के संकेत दिखने लगते हैं तब डॉक्टर को पता होना चाहिए कि मरीज को कब घर भेजा जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस स्टडी पर थोड़ा और काम किया जाएगा ताकि स्थिति और स्पष्ट हो सके और उसके बाद ही विशेषज्ञ किसी ऐसे फैसले का प्रचार कर सकेंगे जिसका डॉक्टरों द्वारा पालन किया जा सके।