नई दिल्ली : चीनी किसी जहर से कम नहीं। हालांकि ये स्लो पॉयजन की तरह से काम करती है और कई बीमारियों को बैठे बिठाए शरीर में घुसा देती है। चीनी बनते भले ही गन्ने से है लेकिन इसे साफ करने और बनाने की प्रोसेसिंग में इतने केमिकल यूज होते हैं कि इसमें मिठास के अलावा कोई अन्य पोषक तत्व बचता भी नहीं है।
अगर आप चीनी की इस मिठास को अपने जीवन से कम नहीं कर सकते तो आज आपके लिए चीनी के विकल्प के बारे में जानकारी दे रहे, जो चीनी जैसे ही मीठे भी हैं और उनमें पोषक तत्व भी भरपूर है। चीनी से अलग ये शरीर को बीमारियों से बचाए रखते हैं। चीनी के विकल्प हालांकि तो कई हैं लेकिन चीनी जैसे होने का गुण छह ऐसे तत्व में हैं जिन्हें आप घर लाकर कभी चीनी की कमी महसूस नहीं करेंगे। चीनी के समान ही इनकी मिठास आपके जीवन में बनी रह सकती है। पुराने जमाने से इसमें कई चीजें यूज होती आ रही हैं, लेकिन कुछ का प्रयोग आधुनिकता के दौर में कम हो गया है।
हालांकि डाइट कॉन्शियस लोगों के लिए चीनी के ये विकल्प किसी अमृत से कम नहीं। डायबिटीज और मोटापे से परेशान लोग भी चाहें तो चीनी के इन विकल्पों को अपना कर अपना वजन भी कम बनाए रख सकते हैं।
- धागे वाली मिश्री : खांड या मिश्री को चीनी से कहीं ज्यादा हेल्दी माना गया है। पुराने समय में खांड ही यूज हुआ करती थी लेकिन चीनी की चमक के आगे इसकी मिठास हल्की हो गई। लेकिन अब समय आ गया है कि अपने सेहत के ध्यान में रखकर खांड को फिर से जीवन में लाया जाए। खांड भी गन्ने से ही बनती है लेकिन इसे साफ करने के लिए केमिकल का सहारा नहीं लिया जाता है। इसे जमा कर या तो इसे पाउडर के रूप में यूज करते हैं या मिस्री के रूप में। जब खांड को जमाया जाता है तो उसमें धागा डाला जाता है ताकि इसकी बड़ी-बड़ी डलियां बन सकें। लेकिन हां, चमकती हुई मिश्री जो बाजार में आती है वह बिल्कुल सही नहीं होती।
- नारियल की चीनी: नारियल की चीनी का रंग भूरा होता है। ये नारियल के पेड़ से निकलने वाले मीठे पानी से बनता है। इस पानी को जला कर चीनी बनाई जाती है। ये नेचुरल सोर्स है चीनी बनाने का। इसलिए इसमें पोषक तत्व भी भरपूर होता है। हालांकि इसे भी अगर ज्यादा खाया जाए तो नुकसान कर सकती है लेकिन ये चीनी की तरह हानिकारक नहीं है।
- स्टेविया : एक पौधा है जिसकी पत्तियां इतनी मीठी होती हैं कि उसके आगे चीनी फेल है। इस पत्ती को सुखा कर इसका पाउडर यूज किया जाता है। ये इतनी सेफ है कि डायबिटीज रोगी या ओबेसिटी या अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोग भी इसे आसानी से खा सकते हैं। ये हरे रंग का पाउडर होता है और चीनी से कहीं ज्यादा मीठा होता है।
- गुड़ : गुड़ सबसे प्योर मिठास देने वालों में से है। इसे बनाने का तरीका प्राकृतिक होता है। लेकिन याद रखें गुड़ जितना काला होता है, वह उतना ही शुद्ध् होता है जबकि चमकता और लाल गुड़ बहुत सही नहीं माना जाता। ऐसा इसलिए क्योंकि गुड़ को लाल और चमकदार बनाने के लिए केमिकल का यूज किया जाता है। ऐसे में ऐसा गुड़ ही खाएं जो बहुत चमकीला न हो।
- खजूर से बना गुड़ : खजूर से बना गुड़ भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसे भी प्राकृतिक तरीके से बनाया जाता है और इसमें भी किसी केमिकल का यूज नहीं होता। ये स्वादिष्ट भी खूब होता है।
चीनी के ये विकल्प आसानी से आपको किसी भी जनरल स्टोर या ऑनलाइन साइट्स से मिल सकते हैं। हालांकि अगर आपको शुगर या अन्य कोई बीमारी या समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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