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Thyroid Symptoms and Preventions: तीन तरह का होता है थायरॉइड, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Updated Sep 17, 2022 | 20:09 IST

Thyroid: थायरॉइड एक बेहद खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में गर्दन के पास वाली ग्रंथि अगर कम या ज्यादा हार्मोन का निर्माण करने लगे तो इंसान थायरॉइड की समस्या का शिकार हो जाता है। थायरॉइड की बीमारी से कुछ खास तरीकों से निपटा जा सकता है।

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थायरॉइड से बचना है तो लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
मुख्य बातें
  • देश में करोड़ों लोग थायरॉइड की समस्या से पीड़ित
  • थायरॉइड के मरीजों में दिखते हैं ये लक्षण
  • जानें, थायरॉइड से बचाव के तरीके

Thyroid symptoms and preventions: ब्लड प्रेशर और शुगर की समस्या के साथ-साथ अब थायरॉइड के मरीजो में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत में करोड़ों लोग इस बीमारी का शिकार है। प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति थायरॉइड की बीमारी से जूझ रहा है। थायरॉइड गर्दन के पास की एक ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि शरीर के अंगों को सही तरीके से चलाने वाले हार्मोन पैदा करती है। यदि यह ग्रंथि कम या ज्यादा मात्रा में हार्मोन बनाने लगे तब वो व्यक्ति थायरॉइड की समस्या से पीड़ित माना जाता है। थायरॉइड अस्वस्थ खानपान और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण होता है। खाने में आयोडीन की कमी या ज्यादा होने से भी थायरॉइड की समस्या हो सकती है। इसके आनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं। गर्भधारण के समय महिलाओं के थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन आ सकता है।

थायरॉइड के तीन मुख्य प्रकार

हाइपो थायरॉइडिज्म
इसके रोगी जल्दी थक जाते हैं। इनमें ऊर्जा की कमी देखी जाती है। हमेशा थकान, अवसाद, सर्दी, स्लो डाइजेशन, कोलेस्ट्रोल बढ़ना, त्वचा में खुजली, मासिक धर्म में अनियमितता, बालों का झड़ना, चेहरे और आंखों में सूजन, कब्ज आदि इसके लक्षण हैं।

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हाइपर थायरॉइडिज्म 

थायरॉइड ग्रंथि के बहुत ज्यादा एक्टिव रहने से टी4 और टी3 हार्मोन का ज्यादा उत्पादन होने लगता है, जिससे शरीर ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसी अवस्था को हाइपर-थायरॉइडिज्म कहते हैं। ये समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। इसमें अच्छी डाइट लेने के बावजूद भी वजन कम होता है। नींद की कमी, मूड स्विंग, बेचैनी, आंखों की रोशनी कम होना, घबराहट, चिड़चिड़ापन, पसीना, हाथों में कंपकंपी, अनिद्रा और तेज हार्ट बीट इसके लक्षण हैं।

थायरॉइडाइटिस

इस तरह के थायरॉइड में ग्रंथि की सूजन बड़ी समस्या होती है। इसमें स्ट्रेस, बेचैनी, घबराहट और थकान जैसे लक्षण देखे जाते हैं। दवाओं से ठीक न होने पर इसकी सर्जरी की जाती है।

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ये सावधानियां बरतें

थायरॉइड की समस्या होने पर कम फैट वाला खाना खाएं। साथ ही फल-सब्जियों का ज्यादा प्रयोग करें। हरी सब्जियों में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है, जो बहुत फायदेमंद है। फाइबर, आयोडीन और कई तरह के पोषक तत्वों वाली डाइट लेना भी थायरॉइड के रोगियों के लिए सेहतवर्धक है। थायरॉइड के दौरान स्ट्रेस से दूर और योग के नजदीक जीवन जीना चाहिए। जंक फूड से परहेज करें। शराब और धूम्रपान से दूर रहें।

ये योगासन भी हैं फायदेमंद

थायरॉइड में मेडिटेशन को बहुत अच्छा माना जाता है। आप सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, उष्ट्रासन, हलासन, भुजंगासन और मत्स्यासन जैसे योग भी कर सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)