Diabetes Superfoods : कुछ फूड ऐसे होते हैं जिनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) ज्यादा होता है और कुछ में कम। जीआई तय करता है कि कौन सा फूड में ब्लड में कितनी जल्दी ग्लूकोज को बढ़ाएगा। कम जीआई वाले फूड्स का स्कोर 55 या उससे कम होता है, जबकि हाई जीआई फूड्स का स्कोर 70 या अधिक होता है। यानी याद रखें की डायबिटीज पेशेंट्स को कम जीआई वाले फूड्स ही लेने चाहिए। ताकि ये ब्लड में ग्लूकोज का लेवल जल्दी न बढ़ा सकें।
कम जीआई फूड्स डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बेहतर विकल्प हैं। तो अब ये जानना भी जरूरी होजाता है कि ये कम जीआई वाले फूड्स कौन से है। ये कम जीआई वाले फूड्स ही डायबिटीज पेशंट्स के लिए सुपरफूड माने गए है। क्योंकि एक तो ये लंबे समय तक पेट को भरा रखते हैं दूसरे इनका ग्लूकोज ब्लड में काफी लंबे समय बाद पहुंचता है। हाई फाइबर, मिनिरल्स और विटामिन के साथ प्रोटीन से भरे ये सुपरफूड हर दिन खाना ही चाहिए। क्योंकि ये ही फूड डायबिटीज से लड़ने का काम करते हैं। तो आइए जानें ये दस सुपरफूड कौन से हैं जो डायबिटीज पेशंट्स को खाने ही चाहिए...
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नॉन स्टार्च वाले वेजिटेबल्स
जिन सब्जियों में स्टार्च ज्यादा होगा उनका जीआई ज्यादा होगा। तो अब ऐसे फूड डायबिटीज पेशंट्स के लिए नहीं हैं। ऐसे में डायबिटीज पेशंट्स को नॉन स्टार्च वाले वेजिटेबल्स खाने होंगे।जैसे स्पेरेगस, ब्रोकली,करेला, लौकी, पालक, परवल आदि। इनमें विटामिन, फाइबर और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो लंबे समय तक पेट को भरा रखने का काम करते है। इससे आपकी भूख कंट्रोल रहती है। कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होने के कारण ये सबसे बेहतर होते हैं। इनमें 55 से कम जीआई लेवल होता है।
ग्रीक योगर्ट
स्टडीज बताती है कि आपने अगर रोज अपनी डाइट में ग्रीक योगर्ट शामिल कर लिया तो आपको टाइप टू डायबिटीज होने का खतरा 14 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम और प्रोटीन से भरा ग्रीक योगर्ट अपने डाइट में जरूर शामिल करें।
टमाटर
लाइकोपिन से भरा टमाटर आप कच्चा खाएं या पका कर , आपके लिए बससे बेहतर फूड है। लाइकोपिन वो पावरफुल चीज है जो कैंसर तक के रिस्क को खत्म् करता है। इसके साथ ही आपको ऐसे ही कुछ फ्रूट्स लेने चाहिए जो नॉन स्टार्ची केटेगरी में आते हैं और उनका जीआई कम हो। हर दिन करीब दो सौ ग्राम तक टमाटर डायबिटीक पेशंट्स को खाना ही चाहिए।
जामुन या दूसरे अन्य बेरीज
डायबिटीज में आंखों पर असर बहुत होता है तो इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप जामुन या अन्य तरह की बेरीज को अपनी डाइट में रोजाना शामिल करें। विटामिन सी से भरे ये फ्रूट्स एंटी ऑक्सीडेंट का पावरहाउस माने जाते हैं। जामुन और अन्य तरह की बेरीज हाई एंटीऑक्सीडेंट से भरी होती हैं और ये हार्ट और कैंसर रोग के खतरे को कम करती हैं।
संतरा या अन्य खट्टे फल
संतरे और अंगूर जैसे सिट्रस फ्रूट्स फाइबर से भरे होते हैं और ये डायबिटीज के दुश्मन माने जाते हैं। लेकिन एक बात याद रखें की इन फ्रूट्स का जूस न पीएं बल्कि इन्हें पूरा खाएं। संतरे का जीआई स्कोर 40 है जबकि ऑरेंज जूस का जीआई स्कोर 50 तक पहुंच जाता है। सबसे कम जीआई स्कोर अंगूर का है 25 ।
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सॉलमन और ओमेगा 3 फैटी एसिड
सॉलमन ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरी होती है और ये दिल ही नहीं डायबिटीज के लिए भी फायदेमंद है। इसे खाने से बाल, स्किन, नाखूनों और हड्डियां सब बेहतर हो जाते हैं। क्योंकि मछली में प्रोटीन अधिक होता है और कार्ब्स नहीं तो ये ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को नहीं बढ़ाते। साथ ही ये पचने में भी भी टाइम लेता है। मछली या उसके तेल ओमेगा -3 फैटी एसिड बहुतायत से पाया जाता है और ये आपके डाइट का हिस्सा होना चाहिए।
खरोट, फ्लेक्स सीड और दूसरे नट्स और बीज
अखरोट, फ्लेक्स सीड और दूसरे नट्स और बीज में मैग्नीशियम,फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है। अखरोट में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी होता है और ये एक आवश्यक फैटी एसिड है, जो हृदय के लिए जरूरी साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। वे विटामिन ई, फोलिक एसिड, जिंक और प्रोटीन से भरपूर होता है। इसमें पाई जाने वाले वसा भूख पर कंट्रोल करती है ।
बीन्स
बीन्स प्रकृति के सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है। हाई फाइबर और प्रोटीन से भरा बीन्स शाकाहारियों के लिए सबसे बढ़िया विकल्प माना जाता है। मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे आवश्यक खनिज भी इसमें खूब होते है। सोया बीन्स में जीआई 16 के आसपास होता है,जबकि किडनी बीन्स 24 और छोले 28 के आसपास पाया जाता है। स्टडीज में पाया गया है कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में बीन्स ग्लाइसेमिक स्तरों को नियंत्रित करता है। साथ ही कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है।
गोभी और पत्तेदार हरी सब्जियां
केल,गोभी और साग विटामिन से भरे होते हैं। इनमें विटामिन ए और के बहुतायत से पाया जाता है। केल में ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक रसायन होता है जो कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों को बेअसर करने में मदद करता है। यह पोटेशियम से भी भरा है और रक्तचाप को प्रबंधित करने में मदद करता है। साथ ही ये डायबिटीज वालों के लिए सुपरफूड माना जाता है।
जौ, दाल और अन्य साबुत अनाज
साबुत अनाज एंटीऑक्सिडेंट और घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरे होते हैं। ये वसा को मेटाबोलाइज करने और पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। जो लोग नियमित रूप से जौ खाते हैं,उनमें आमतौर पर रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम होता है। अनाज रक्त शर्करा के स्तर को भी स्थिर रखता है। दाल में विटामिन,लोहा,जटिल कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होता है। साबुत अनाज खाने से टाइप 2 मधुमेह का जोखिम तेजी से कम होता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी केलिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।किसी भी तरह काफिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपनेडॉक्टर से परामर्श जरूर लें।