- भारत में करीब 80 प्रतिशत लोग विटामिन डी की कमी से हैं ग्रस्त।
- मोटापा और डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में विटामिन डी की कमी अधिक देखी जाती है।
- बर्निंग माउथ सिंड्रोम विटामिन डी की कमी की ओर करता है इशारा।
Vitamin D Deficiency Symptoms: जीभ ना केवल स्वाद का आभास कराती है बल्कि सेहत से जुड़े कई राज को भी बयां करती है। जी हां जीभ के रंग के आधार पर आप पता लगा सकते हैं कि आपकी सेहत दुरुस्त है या नहीं। इतना ही नहीं यह विटामिन डी और विटामिन सी की कमी को भी दर्शाती है।
विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करता है और साथ ही विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ गंभीर बीमारियों के संक्रमण से दूर रखने में कारगार होता है। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है, जो तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस के भयावह लक्षण को कम करने और इसे मात देने में विटामिन डी मददगार साबित हो सकता है।
भारत में 80 फीसदी लोगों में विटामिन ए की कमी
हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक भारत में करीब 80 फीसदी लोग विटामिन डी की कमी से ग्रस्त हैं। विटामिन डी की कमी से शरीर में सूजन होने लगती है। जब शरीर को धूप नहीं मिलती तो विटामिन डी बनाने वाले तत्व कोलेस्ट्रोल में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे साइटोकिन्स में वृद्धि होती है और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही यह सांस संबंधी बीमारियों को भी दावत देता है। मोटापे और डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में विटामिन डी की कमी अधिक देखी जाती है।
बर्निंग टंग या बर्निंग माउथ सिंड्रोम
साल 2017 में ‘डिपार्टमेंट ऑफ डर्मेटोलॉजी’ मायो क्लीनिक रोचेस्टर द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार बर्निंग माउथ सिंड्रोम (बीएमएस) के लक्षण वाले रोगियों में विटामिन डी की कमी अधिक देखी गई। इन लोगों में विटामिन B6, विटामिन B1, विटामिन B12, आयरन और फोलिक एसिड की भी कमी पाई गई। बर्निंग माउथ सिंड्रोम यानि मुंह में जलन की समस्या को ग्लॉसोडिनिया के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में में जीभ, होंठ, तालु और पूरे मुंह में तेज जलन महसूस होता है। तथा इस समस्या के पीछे कई अन्य बीमारियां छुपी होती हैं।
कैसे पता लगाएं विटामिन डी की कमी
विटामिन डी के लक्षणों को समझने के बाद तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। तथा यह सुनिश्चित करें की आपको विटामिन डी की कमी है या नहीं। इसके लिए आपको स्क्रीनिंग फॉर फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, विटामिन D, विटामिन B6, जिंक, विटामिन B1 और टीएसएच का टेस्ट करवाना चाहिए।
विटामिन डी की कमी को कैसे करें पूरा
विटामिन डी का मुख्य स्रोत धूप होता है, ऐसे में रोजाना सुबह धूप लें। इससे काफी हद तक विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। एक अध्ययन के मुताबिक माउथ बर्निंग यानि मुंह में जलन की समस्या से पीड़ित लोगों को विटामिन डी की दवा देने से केवल 14 दिनों में इससे राहत मिली है। ऐसे में आइए जानते हैं कि एक दिन में कितना विटामिन डी आपको लेना चाहिए।
प्रतिदिन कितना करें विटामिन डी का सेवन
एक वर्ष से कम के बच्चो के लिए एक दिन में 400 IU
एक वर्ष से अधिक के बच्चों, किशोरों और 70 वर्ष की आयु तक के लोगों के लिए 600 IU
71 वर्ष से अधिक के लोगों और गर्भवती महिलाओं के लिए 800 IU
ध्यान देने वाली बात
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए धूप लेना सबसे कारगार उपाय है। इसके लिए आपको सप्ताह में दो से तीन दिन 10 से 15 मिनट तक धूप को अवशोषित करने की आवश्यकता होती है। यह गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने और इनके संक्रमण से दूर रखने में कारगार होता