- मंकी बी वायरस के पहले लक्षण फ्लू जैसे होते हैं
- दूसरे लक्षणों में सांस की तकलीफ, मतली और उल्टी, पेट में दर्द, हिचकी आदि शामिल हैं
- कभी कभार यह लक्ष्ण सात दिनों में भी पता चल सकते है।
नई दिल्ली: बंदरों से फैलने वाले बी वायरस (बी वी) के संक्रमण यानी Monkey B Virus (BV) ने चिंता बढ़ा दी है। इसपर अभी तक ज्यादा अध्ययन नहीं है लेकिन जिस तरह से चीन में मंकी बी वायरस का मामला सामने आया है, जिससे एक पशु चिकित्सक की मौत हुई है, उससे चिंता होना लाजिमी है। गौर हो कि इसे लेकर अभी तक कोई ठोस रिसर्च या अध्ययन उपलब्ध नहीं है लेकिन कोरोना वायरस के बाद अब एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है।
Monkey B virus Symptoms,मंकी बी वायरस के लक्षण
मंकी बी वायरस के पहले लक्षण फ्लू जैसे होते हैं, जिसमें बुखार और ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द आदि जैसे लक्षण शामिल हैं। वायरस से संक्रमित व्यक्ति को घाव या छोटे-छोटे छाले हो सकते हैं, जबकि दूसरे लक्षणों में सांस की तकलीफ, मतली और उल्टी, पेट में दर्द, हिचकी आदि शामिल हैं।
वायरस के संक्रमण के बाद क्या होता है?
Monkey B Virus (BV) से अगर कोई व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसके लक्ष्ण एक महीने के अंदर आने शुरू हो सकते है। कभी कभार यह लक्षण सात दिनों में भी पता चल सकते है। लक्षण कितनी तेज रफ्तार से बढ़ता है यह वायरस के संक्रमण पर निर्भर करता है। मंकी बी वायरस के संक्रमण के पहले संकेत आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं:
- बुखार और ठंड लगना
- मांसपेशीयों में अकड़न
- थकान
- सरदर्द
- संक्रमण वाले हिस्से में छोटो घाव या फफोले
अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- सांस लेने में कठिनाई
- उल्टी होना
- पेट में दर्द
- हिचकी
बीमारी के फैलने के बाद शरीर में क्या दुष्परिणाम हो सकते है?
रिपोर्ट के मुताबिक जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, वायरस फैलता है और मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सूजन (सूजन) हो सकता है है। इससे शरीर में ये लक्ष्ण या तकलीफें उभर सकते है-घाव वाले जगह के पास तंत्रिका संबंधी और सूजन संबंधी लक्षण (दर्द, सुन्नता, खुजली)
- मांसपेशियों में समस्या
- तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति
लक्षण दिखने के एक दिन से तीन सप्ताह बाद तक सांस लेने की समस्या हो सकती है। अगर संक्रमण का स्तर ज्यादा हुआ तो मौत भी हो सकती है। अभी तक इसपर ज्यादा ,ठोस या सटीक अध्ययन या प्रमाण नहीं है।
मंकी बी वायरस से बचाव के उपाय
वर्तमान में मंकी बी वायरस का मुकाबला करने के लिए कोई टीका नहीं है। समय पर एंटीवायरल दवाएं लेने से जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर आपको बंदर ने काट लिया है तो घाव को साबुन, डिटर्जेंट या आयोडीन से 15 मिनट तक धोएं और धीरे से साफ करें। इसके अलावा घाव को 15 से 20 मिनट और पानी से धोएं। साथ ही तुरंत डॉक्टर से ट्रीटमेंट लें। तनिक भी देर या लापरवाही ठीक नहीं है।
यह वायरस फैलता कैसे है?
- संक्रमित बंदर की लार से
- संक्रमित बंदर के मल मूत्र से
- मैकाक बंदरों के काटने या खरोंच से
- संक्रमित इंजेके्शन से भी फैलता है
- वायरस वस्तुओं की सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है
- लैब में रहनेवाले उन शोधकर्ताओं पर खतरा जो लैब में बंदरों के साथ रहते है
कब फैला मंकी बी वायरस?
बंदर से फैलने वाले बी वायरस (बी वी)के संक्रमण की चपेट में आए चीन के एक पशु चिकित्सक की मौत होने की चंद दिन पहले खबर आई। यह चीन में मानव में इस वायरस से संक्रमण का पहला पुष्ट मामला था। चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 53 वर्षीय पशु चिकित्सक जानवरों पर अनुसंधान करने वाली संस्था के लिए कार्य करते थे।
डॉक्टरों ने मार्च में दो मृत बंदरों पर शोध किया था, जिसके बाद उनमें मतली और उल्टी के शुरुआती लक्षण नजर आने लगे। रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रमित चिकित्सक का कई अस्पतालों में उपचार किया गया और बाद में 27 मई को उनकी मौत हो गई। हालांकि, उनके करीबी संपर्क में रहे किसी अन्य व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है।
इसके मुताबिक, चीन में अब तक बी. वायरस के संक्रमण से मौत या देश में इसकी मौजूदगी का कोई नैदानिक साक्ष्य सामने नहीं आया है, जिसकी वजह से इस मामले को बी. वायरस से मानव के संक्रमित होने का पहला मामला माना गया है।