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चलते-फिरते आदमी की अचानक मौत क्यों हो रही है? विस्तार से जानिए वजह

Updated Sep 06, 2022 | 22:51 IST

आजकल अचानक चलते फिरते लोगों की मौत की खबर सुनने के मिल रही है। कोई स्पीच देते देते अचानक गिर जाता है और मौत हो जाती है। कोई गाड़ी में बैठकर जा रहा है और अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। ये हमारे आसपास भी खूब हो रहा है। आइए जानते हैं इसकी वजह क्या है।

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न्यूज की पाठशाला में अचानक मौत (Sudden Death) के चैप्टर का गहन विश्लेषण किया गया है। क्योंकि पिछले कुछ अरसे से ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। जिसमें कोई डांस करते करते अचानक गिर जाता है और मौत हो जाती है। कोई स्पीच देते देते अचानक गिर जाता है और मौत हो जाती है। कोई गाड़ी में बैठकर जा रहा है और अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। ये हमारे आसपास भी खूब हो रहा है। और लोग इसलिए भी इन घटनाओं से डर जाते हैं क्योंकि आज के दौर में इस तरह की घटनाओं के वीडियो आ जाते हैं। आजकल तो ऐसे ऐसे वीडियो आ रहे हैं कि हर कोई डर जाए। अभी महाराष्ट्र के कोल्हापुर का वीडियो आया है। जिसमें डॉक्टर के सामने ही एक व्यक्ति को अटैक आ गया। डॉक्टर के सामने बैठे बैठे ही इस व्यक्ति की गर्दन पीछे गिरने लगती है। डॉक्टर समझ जाते हैं कि अटैक आया है। और वो फौरन मरीज की छाती को थपथपाना शुरू करते हैं। जिससे मरीज की जान बच जाती है। वीडियो में दिख रहे डॉक्टर अर्जुन अदनाइक हैं। और जिस शख्स को अटैक आया उसे 12 साल पहले पेसमेकर लगाया गया था। वो चेकअप के लिए डॉक्टर के पास आया था। 

आज ही लखीमपुर के गोला गोकरननाथ से बीजेपी विधायक अरविंद गिरि की भी अटैक से मौत हो गई। अरविंद गिरि इलाज के लिए कार से लखीमपुर से लखनऊ जा रहे थे। सीतापुर में कार में बैठे बैठे ही अरविंद गिरि को दिल का दौरा पड़ा। अरविंद गिरि को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने गिरि को मृत घोषित कर दिया। अरविंद गिरि 65 साल के थे। 4 सितंबर को मैनपुरी से एक वीडियो आया था। एक व्यक्ति गणेश उत्सव में हनुमान का वेष धारण करके मंच पर एक्टिंग कर रहा था। अचानक दिल का दौरा पड़ने से वो गिर पड़ता है और उसकी मौत हो जाती है। इस शख्स की पहचान रवि शर्मा के रूप में हुई है। 35 साल के रवि शर्मा एकदम फिट थे। उनको कोई बीमारी नहीं थी। 

लोग तो डांस करते करते गिर जा रहे हैं। इस वीडियो को देखिए जो बरेली से आया है। होटल में बर्थड पार्टी में डांस कर रहा शख्स अचानक गिर पड़ता है, उसे काडियेक अरेस्ट आया जिस से उसकी मौत हो गई। इस शख्स का नाम प्रभात कुमार है. 45 साल के प्रभात कुमार एक बैडमिंटन खिलाड़ी थे और पूरी तरह से फिट थे। 

केवल भारत में ही नहीं दुनिया भर में इसी तरह से लोगों की जान जा रही है। पिछले महीने ऐसा ही एक वीडियो ईजिप्ट के कायरो से आया था। इस वीडियो में एक शख्स स्पीच दे रहा है, और इसी दौरान वो पीछे की तरफ गिर पड़ता है। अस्पताल ले जाने पर उसे डेड डिक्लेयर कर दिया जाता है। इस शख्स का नाम मोहम्मद बिन नसीर है। जो UAE के बड़े बिजनेसमैन हैं। ईजिप्ट के कायरो में एफ्रो-अरब सम्मेलन में भाषण दे रहे थे। 

मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्ताव भी इसी तरह के कार्डियेक अरेस्ट का शिकार हुए। 10 अगस्त को दिल्ली में एक जिम में एक्सरसाइज के दौरान राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक आया। फौरन राजू को एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति फिलहाल स्टेबल बनी हुई है। राजू श्रीवास्तव की ही तरह सिंगर केके को भी बंगाल में एक परफॉर्मेंस के दौरान दिल का दौरा पड़ा था। जिस से उनकी मौत हो गई थी। 

ये बहुत चिंताजनक और डराने वाली बात है। हंसता खेलता इंसान अचानक मर जाता है। ये सभी मामले जो हमने बताए ये कार्डियेक अरेस्ट के हैं। कार्डियेक अरेस्ट और हार्ट अटैक को लोग अक्सर एक ही समझ लेते हैं। जो सही नहीं है। दोनों में अंतर होता है। जिसके बारे में आपको बताते हैं। 

-अचानक Heart काम करना बंद कर देता है तो उसे कार्डियेक अरेस्ट करते हैं। 
-कार्डियेक अरेस्ट बिना चेतावनी और अचानक होता है। 
-कार्डियेक अरेस्ट Heart के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी से आता है. 
-पूरा शरीर एक झटके में काम करना बंद कर देता है। 
-कार्डियेक अरेस्ट आने पर 1 मिनट के अंदर मौत हो सकती है। 
-दिल की धमनियों के ब्लॉक होने से ब्लड सप्लाई पर असर पड़ता है। 
-यानी दिल के किसी हिस्से तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है. 
-ब्लड सप्लाई कम होने से हार्ट के फंक्शन पर धीरे धीरे असर पड़ता है। 
-दिल तक ब्लड फ्लो में दिक्कत से Heart अटैक आता है। 
-जरूरी नहीं कि हार्ट अटैक आने पर मरीज की मौत ही हो जाए। 

कार्डियेक अरेस्ट कैसे आता है। ये आपको समझना जरूरी है, क्योंकि जानकारी ही बचाव है। 

-दिल के अंदर एक इलेक्ट्रिकल सिस्टम होता है
-इलेक्ट्रिकल सिस्टम Heart और दिमाग से कनेक्ट रहता है 
-इसी सिस्टम से दिल को तरंगों के जरिए संकेत मिलते रहते हैं
-इन्ही संकेतों के आधार पर दिल काम करता है 
-ये इलेक्ट्रिक तरंगे दिल की धड़कन को मॉनिटर करती है
-दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी मापने के लिए ही ECG टेस्ट किया जाता है। 
-इलेक्ट्रिक तरंगों में गड़बड़ी के कारण कार्डियेक अरेस्ट आता है 
-इलेक्ट्रिक सिस्टम में कई एक्टिविटी एक साथ होने पर दिक्कत होती है 
-जिसके कारण Heart खून को पंप करना बंद कर देता है 
-Heart Beat बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके कारण दिल काम करना बंद कर देता है

कह सकते हैं कि दिल के इलेक्ट्रिक सिस्टम में एक तरह का शॉर्ट सर्किट होता है जिसके कारण कार्डियेक अरेस्ट आता है। 

कार्डियेक अरेस्ट आने पर दिल की धड़कनें बहुत तेज हो जाती हैं। इस अनियमित Heart Beat को मेडिकल लैंग्वेज में Arrhythmia एरिथमिया कहते हैं। एरिथमिया में खून पंप करने वाले Heart  चैंबर में कंपन होती है, जिस से दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं। इसे Heart  के फंक्शन से समझते हैं। 

हमारे Heart में 4 चैंबर होते हैं, ऊपर के दो चैंबर्स को Atria कहते हैं और नीचे के दोनों चैंबर्स को Ventricles कहते हैं। चारों चैंबर्स के बीच Tissue की दीवार होती है। इन्ही चैंबर्स के जरिए ब्लड पंप होता है और ब्लड पंप करने के लिए Heart में 4 वॉल्व होते हैं। Volve के जरिए ही खून चैंबर में जाता है। इस तस्वीर में आपको Heart के चारो चैंबर दिख रहे हैं। और Blue कलर में वो खून दिखाया गया है जो शरीर में सर्कुलेशन के बाद वापस Heart में आया है। लाल रंग उस Blood को दिखा रहा है जो पंप होने के बाद फिर से शरीर में जा रहा है।  एरिथमिया में दिल के नीचे वाले चैंबर अपना काम छोड़कर तेजी से कांपने लगते हैं। जिसके कारण दिल की धड़कनें अचानक बहुत तेज हो जाती हैं. और उसके बाद अचानक बहुत कम हो जाती हैं। और धीरे धीरे बंद हो जाती हैं। जैसा ECG टेस्ट में दिखता है। 

भारत में हार्ट अटैक का खतरा कितना बड़ा है।

-भारत में 50% हार्ट अटैक 50 साल से कम उम्र के लोगों को आता है। 
-25% हार्ट अटैक के मामलों में मरीज की उम्र 40 साल से कम होती है 
-26 से 40 एज ग्रुप के 53% लोग हार्ट अटैक के हाई रिस्क जोन में हैं
-कार्डियेक अरेस्ट के कारण 10 में से 9 लोगों को अस्पताल तक पहुंचने का समय नहीं मिल पाता है। 
-2030 तक कार्डियेक अरेस्ट से सबसे ज्यादा मौत भारत में होगी 

कार्डियेक अरेस्ट से होने वाली मौत भारत में कैसे साल दर साल बढ़ती गई। 

साल 2021- 28 हजार 449 मौत 
2020 - 28 हजार 680 मौत 
2019 - 28 हजार 5  मौत 
2018- 25 हजार 764  मौत 
2017 - 23 हजार 246  मौत 

इनमें 18 साल से 45 साल के बीच के कितने लोगों की मौत हुई है।

2021- 11 हजार 85 मौत 
2020 - 10 हजार 750  मौत 
2019 - 10 हजार 133  मौत 
2018 - 9 हजार 498  मौत 
2017- 8 हजार 851 मौत 

हर गुजरते साल के साथ कार्डियेक अरेस्ट से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जो खतरनाक ट्रेंड है। युवाओं को ये जानलेवा अटैक क्यों आ रहा है? देश में युवाओं को Sudden Cardiac Arrest आने का कारण है 

-हाइपरटेंशन
-सुस्त लाइफस्टाइल 
-डायबिटीज़
-एल्कोहल और स्मोकिंग

Center of Healing study ने 2020 में एक सर्वे कराया था जिसके मुताबिक 

-74% भारतीय तनाव के शिकार हैं
-88% भारतीय हमेशा चिंता में रहते हैं

अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 

-भारतीय दुनिया के सबसे आलसी लोगों में हैं
-46 देशों के सर्वे में भारत 39वें स्थान पर था 
-भारतीय 1 दिन में सिर्फ 4297 कदम चलते हैं

Global Adult Tobacco Survey के मुताबिक भारत में 

-15 साल से बड़े 30 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं
-देश की लगभग 29% आबादी तंबाकू सेवन करती है 

National Family Health Survey के मुताबिक देश की

-15 साल से बड़ी 18.7% आबादी शराब का सेवन करती है 
-शहरी इलाकों में 16.5% लोग शराब सेवन करते हैं
-ग्रामीण इलाकों में लगभग 20% लोग शराब सेवन करते हैं

इसके अलावा पोस्ट कोविड भी हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। कोविड से रिकवर हो चुके लोगों में दिल की समस्याएं बढ़ रही हैं। खास तौर पर 50 साल से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है। 

PGI चंडीगढ़ के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट ने एक स्टडी की। जिसके मुताबिक कोविड के दौरान 50 साल से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक की आशंका 11% थी. लेकिन कोविड के बाद हार्ट अटैक की आशंका बढ़कर 13% हो गई। पोस्ट कोविड Heart ब्लॉकेज, ब्रेन स्ट्रोक के साथ साथ डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मामले भी बढ़े हैं। 

फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. अशोक सेठ ने कहा कि ये सही है कि गंभीर कोविड मरीजों ने 1 साल तक कई दुष्परिणाम झेले, लेकिन कम सीरियस कोविड मरीजों को भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है। हमें देश में ही रिसर्च और स्टडी करने की जरूरत है। हम हार्ट अटैक के बढ़ते केस देख रहे हैं। हमें ये भी समझना चाहिए कि हार्ट अटैक के पीछे कई कारण होते हैं, जो पिछले 20 साल से युवाओं में बढ़ रहे हैं। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, स्ट्रेस, प्रदूषण भी बढ़ रहे हैं। इस में कोविड का हाथ है ये तय करने के लिए हमें अपनी खुद की स्टडी की जरूरत है।