नई दिल्ली. 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में एड्स दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ये एक ऐसा संक्रामक वायरस है जिससे पिछले तीन दशक में 25 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। तमाम जागरूकता के बावजूद समाज में एक बड़ा वर्ग एड्स से संबंधित जरूरी जानकारियों से अंजान होता है। इसमें सेक्स एजुकेशन से लेकर साफ-सफाई तक शामिल हैं।
न करें जोर-जबरदस्ती
एड्स की बीमारी का एक मुख्य कारण है असुरक्षित यौन संबंध। असुरक्षित यौन संबंधों का अर्थ है, सेक्स के दौरान सावधानियां न बरतना और उससे जुड़ी बीमारियों के संपर्क में आ जाना। एड्स का एक बड़ा कारण एक से ज्यादा साथी से संबंध बनाना। फिर चाहे वह महिला हो या पुरूष दोनों को ही एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध बनाने से संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा यदि किसी भी एक पार्टनर का मन नहीं हैं तो संबंध जोर-जबरदस्ती से न किया जाए। असुरक्षित यौन संबंधों के दौरान यौन संचारित रोगों के होने का खतरा बना रहता है। पुरूष या महिला में से किसी को यौन संबंधी इंफेक्शेन होने से भी संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
किन-किन चीजों से नहीं होता एड्स
कई लोगों को एड्स के बारे में कई मिथक भी हैं। इनमें से एक है कि जिस व्यक्ति को एच.आई.वी होता है उनके आस-पास रहने से उन्हें यह बीमारी हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है एच.आई.वी छूने से, उस व्यक्ति के साथ खाना खाने में, उससे हाथ मिलाने में और उसके पसीने या अन्य किसी भी प्रकार से संपर्क में आने पर नहीं फैलता हैं। एड्स खून में संचारित होने के कारण फैलती है। ऐसे में लोगों में इस बात कि बहुत ज्यादा चिंता रहती है कि किसी ही जानवर के काटने या मच्छर के काटने से यह वायरस फैलता है। लेकिन एचआईवी/ एड्स इस तरीके नहीं फैलता है।
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नहीं खत्म होता है जीवन
जिन लोगों में यह वायरस पाया जाता है उनके मन में एक अवधारणा होती है कि उनका जीवन खत्म हो चुका है, लेकिन ऐसा नहीं है जिसको भी यह बीमारी होती है वह एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकतें है। बस उनको सावधानियां बरतनी पड़ती है।
क्या है एड्स
ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस या एचआईवी अन्य वायरस और बैक्टीरिया से लड़कर उन्हें मारने के लिए जिम्मेदार रक्त में उपस्थित टी-सेल्स (T-cell) या सीडी4 सेल्स (CD4-cells) को नष्ट कर देता है।
एड्स को सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज ((एसटीडी)) यानी यौन सम्बन्धों द्वारा संचरित रोग भी कहा जाता है। एसटीडी के लक्षणों में शामिल हैं - औरतों में योनि के आसपास खुजली और या योनि से स्राव ।यौन संबध के और मूत्र त्याग के समय पीड़ा । जननेन्द्रिय के आसपास लाल जख्म । असामान्य छूत के रोग, न समझ आने वाली थकावट, रात को पसीना और वजन का घटना आदि लक्षण हो सकते है।