- कंधों को सही पॉश्चर न मिलने से होता है दर्द
- सुबह उठने के बाद कंधों को घुमाने की आदत डालें
- कंधों के योग से पीठ, गर्दन और पैर को भी लाभ मिलता है
लगातार बैठकर काम करने और कंधों के एक ही पोजिशन में रहने के कारण कंधों में दर्द की दिक्कत होना आम बात है, लेकिन यदि इन पर ध्यान न दिया जाए तो ये गंभीर समस्या भी बन सकते हैं। इसलिए घर में जब समय मिले आपको कंधों की एक्सरसारइज जरूर करनी चाहिए जिससे की आपके कंधों में लचीलापन बना रहे। सारा दिन कंप्यूटर या मोबाइल पर आंखें ही नहीं कंधे भी थकते हैं कंधों में दर्द हो जाता है या कई बार फ्रोजन शोल्डर की समस्या भी हो जाती है। इन सब समस्याओं का इलाज योग में छुपा है।
कंधो के दर्द को कम करने के लिए सुबह-सुबह करें ये काम
सुबह उठने के बाद सबसे पहले अपने आप को वार्मअप करें। इसके बाद आप जांगिंग या जंपिंग कर खुद बॉडी की मसल्स को रिलेक्स करें। इसके बाद अपनी गर्दन को एक बार सीधी और एक बार उल्टा चारों ओर घुमाएं। ऐसा करने से गर्दन की मांसपेशिया रिलेक्स होंगी।
इन आसन की मदद से गर्दन में लाएं लचीलापन
गरुड़ासन
सबसे पहले ताड़ासन में खड़े हो जाएं और एक पैर के पीछे दूसरे पैर को ले जाएं और घुटनों को मोड़ लें। एक पैर जमीन पर रहे और अब अपने हाथों को सामने लाएं और जमीन के समांतर रखते हाथों को क्रास करते हथेलियों को पड़ लें। अब हथेलियों को एक दूसरे के ऊपर दबाते हुए उन्हें ऊपर की ओर उठाएं। सांस लेते और छोड़ते रहें। फिर दूसरे पैर को पीछे ले जांए और पुन: वैसे ही दोहराएं। योग की ये विधि आपके कंधों और पीठ के ऊपरी भाग के साथ गर्दन की नसों को भी लचीला बनाता है। साथ ही ये तनाव को भी दूर करता है।
पश्चिम नमस्कार आसन
इस आसन में आप बैठ जाएं और आपने गर्दन और कंधों के साथ पीठ को भी सीधा रखें। इसके बाद आने दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर हाथ जोड़ने का प्रयास करें। शुरुआत में जितना आसानी से कर सकें उतना ही करें। ये कंधों के जोड़ों को खोलता है और छाती की मांसपेशियों को भी लचीला बनाता है।
उष्ट्रासन
इस आसन में आप घुटने के बल बैठ जाएं और अपने हाथों को ऊपर ले जाकर खुद भी पीछे की ओर जीता हो सकें झुकें और हाथ को पैर के तलवे के पास ले जाएं। ये योग शरीर के सामने के भाग को खींच कर मजबूत करता है। पीठ के निचले भाग में दर्द को दूर करता है।साथ ही गर्दन की नसों में भी लचीलापन आता है।
पूर्वोत्तानासन
इस आसन को करने के लिए पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाते हुए बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी सीधा रखें। अब हथेलियों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाएं और खुद भी पीछे होते जाएं। जब हाथ कंधे के पास तक पहंच जाए तो आप धीरे-धीरे शरीर को जितना उठा सकते हैं उठा लें। शरीर के वजन को सहारा दे। घुटनो को सीधा रखें,पांव को ज़मीन पर टीका दें। इसी अवस्था में साँस लेते रहें। कंधे, छाती और गर्दन की सबसे अच्छी स्ट्रेचिंग वाला ये एक्सरसाइज है। इससे कंधे, पीठ, घुटने और कलाइयां भी मजबूत होती हैं।