नई दिल्ली : माइग्रेन एक प्रकार का न्यूरोवेस्कुलर विकार है जिसमें सिर में रुक-रुक कर दर्द होता है। हालांकि माइग्रेन के समय मस्तिष्क की सटीक क्रियाविधि की जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है। माइग्रेन का दर्द आमतौर पर सिर के एक सिरे से, या कभी-कभी बीचों बीच से या पीछे की तरफ से उठता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है।
बता दें कि माइग्रेन सेरेब्रल कॉर्टेक्स (Cerebral Cortex) की बढ़ी हुई उत्तेजना तथा ब्रेनस्टेम (Brainstem) के ट्राइगेमिनल न्यूक्लियस (Trigeminal Nucleus) में दर्द के न्यूरॉन्स (Pain Neurons) के असामान्य नियंत्रण से संबंधित है। कभी यह रह-रहकर कई हफ्तों या महीनों तक, या फिर सालों तक खास अंतराल में उठता है। कई बार एक ही समय में यह बार-बार हथौड़ों की लगातार चोट का एहसास कराता है।
महिलाओं को ज्यादा परेशान करता है माइग्रेन
कभी यह रह-रहकर कई हफ्तों या महीनों तक, या फिर सालों तक खास अंतराल में उठता है। कई बार एक ही समय में यह बार-बार हथौड़ों की लगातार चोट का एहसास कराता है। महिलाओं में माइग्रेन की समस्या, पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है। माइग्रेन आम तौर पर गर्भावस्था के दौरान और रजोनिवृत्ति के बाद नहीं होता है।
किस उम्र में होता है माइग्रेन का अटैक
माइग्रेन का अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर इसकी शुरुआत किशोर उम्र से होती है। माइग्रेन का हमला अचानक होता है। कई बार यह शुरू में हल्का होता है, लेकिन धीरे-धीरे बहुत तेज दर्द में तब्दील हो जाता है। माइग्रेन के ज्यादातर मरीज वे होते हैं, जिनके परिवार में ऐसा इतिहास रहा है। ज्यादातर लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वे कई साल तक इस तकलीफ को झेलने के बाद इसके लक्षणों से वाकिफ हो जाते हैं।
किन वजहों से होता है माइग्रेन का दर्द
- कैफीन का अत्यधिक उपभोग या नियमित उपभोग में कटौती
- तनाव, अनिद्रा या नींद पूरी ना होना
- हार्मोन स्तर में परिवर्तन
- यात्रा या मौसम में परिवर्तन
- दर्द-निवारक दवाओं का ज्यादा प्रयोग
इनके अलावा माइग्रेन के अन्य कारण भी हो सकते हैं जिनमें अपच, उच्च रक्तचाप, खानपान की गलत आदतें, अनिद्रा या अधिक श्रम शामिल हैं। वैसे यह अनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।
माइग्रेन से बचाव के घरेलू नुस्खे
- दर्द होने पर सर की हल्की मालिश करें
- एक तौलिये को गर्म पानी में डुबोकर, उससे दर्द वाले हिस्से पर सेंक दें। इसके अलावा ठंडा सेंक देने के लिए आप बर्फ के टुकड़ों का भी प्रयोग कर सकते हैं
- संतुलित आहार व संतुलित दिनचर्या का पालन करें
- दिन में कम से कम 12 से 14 गिलास पानी जरूर पीयें
- आप ध्यान, योगासन, एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरेपी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का भी सहारा ले सकते हैं
योगासन से दूर करें माइग्रेन
योग एक प्राचीन स्वास्थ्य रक्षक विधा है जो विभिन्न शारीरिक मुद्राओं व श्वसन क्रियाओं के संगम से सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करती है| योग से शरीर पर कोई अन्य दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। यहां उल्लेखित योगों के दैनिक व नियमित अभ्यास से आप माइग्रेन (Migraine) के आक्रमण से निपटने व बचने के प्रभावी उपाय कर सकते हैं।
हस्त-पादासन : सीधे खड़े होकर आगे की तरफ झुकने से हमारे नाड़ी तन्त्र में रक्त की आपूर्ति अधिक होती है जिससे वह प्रबल होता है। इससे मन भी अधिक शांत होता है।
सेतुबन्धासन : यह आसन मस्तिष्क को शांत करता है तथा इसके अभ्यास से व्यक्ति चिंता-मुक्त हो जाता है।
शिशु-आसन : यह आसन नाड़ी तन्त्र को शिथिल व शान्त करता है तथा प्रभावी रूप से पीड़ा को कम करता है।
मर्जरासन : इस आसन से रक्त संचार बढ़ता है और या मन को शांत करता है।
पश्चिमोतानासन : बैठ कर दोनों पैरो को आगे की ओर फैला कर, हाथों को पैर की तरफ ले जाते हुए आगे की ओर झुकने से मस्तिष्क शांत होता है और तनाव दूर होता है। इस आसन से सिरदर्द में भी आराम मिलता है।
अधोमुखश्वानासन : नीचे की ओर चेहरा रखते हुए श्वानासन करने से रक्त संचार में वृद्धि होती है जिससे सिर दर्द से मुक्ति मिलती है।
पद्मासन : पद्मासन में बैठने से मन शांत होता है और सिर दर्द मिट जाता है।
शवासन : शवासन शरीर को गहन ध्यान के विश्राम की स्थिति में ले जाकर शरीर में शक्ति व स्फूर्ति का संचार करता है। इसे सभी योग आसनों के अभ्यास के बाद अंत में करना चाहिए।
(लेखक जाने-माने योग गुरु हैं)
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