- योगा ना केवल आपको फिट रखते हैं बल्कि मौसमी बीमारियों से भी दूर रखते हैं।
- नियमित रूप से योग करने से पा सकते हैं सर्दी जुकाम से छुटकारा।
- सर्दी जुकाम से निजात पाने के लिए ऐलोपैथिक दवाईयों की तुलना में बेहतर हैं योगासन।
ठंड के दिनों में सर्दी और जुकाम से ज्यादातर लोग पीड़ित रहते हैं। जी हां आपको बता दें जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उनमें सर्दी जुकाम आसानी से अपनी पैठ बना लेता है। इस समस्या से बचने के लिए लोग तमाम ऐलोपैथिक दवाएं बाजार से लेते हैं। जो आपकी इस समस्या को दूर कर देती है लेकिन अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। जिनसे सास संबंधी परेशानियां हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप इस रोग का प्राकृतिक उपचार करना चाहते हैं तो आप कुछ योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। इन योगासनों से ना सिर्फ इन बीमारियों का उपचार हो जाता है बल्कि यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।
उत्तानासन
हर इंसान एक ऐसी जिंदगी जीने की चाह रखता है जो तनावमुक्त हो औऱ मन को शांति देने वाला हो। हालांकि परिस्थितियों को टाला नहीं जा सकता है लेकिन योग के द्वारा उनका सामना जरूर किया जा सकता है। ऐसी परिस्थितियों से लड़ने में मदद करता है उत्तानासन। यह ना केवल आपके शरीर को लचीलापन देता है बल्कि यह आपके दिमाग को शांत रखता है और शरीर में रक्त प्रवाह को बेतर बनाने में मदद करता है। साथ ही यह साइनस जैसी बीमारी से दूर रखता है और हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।
अधो मुख श्वासन
अधोमुख श्वानासन के रोजाना अभ्यास से सिर दर्द, अनिद्रा, पीठ दर्द और थकान जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। साथ ही यह साइनस को खत्म करने में सहायक होता है। जिससे सिर दर्द और जुकाम से राहत मिलता है। यदि आप रोजाना इसका अभ्यास करते हैं तो आप सर्दी जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं। यह सूर्य नमस्कार आसन की तरह होता है।
उस्ट्रासन
उस्ट्रासन को कैमल पोज भी कहा जाता है। यह शारीरिक फिटनेस के साथ मन की शांति और मौसमी बीमारियों से भी बचाता है। यह आपके सीने में जमा बलगम और कफ को साफ करता है। इस मुद्रा के दौरान जितना हो सके सांस को अंदर लेना और छोड़ना चाहिए। इससे आप मौसमी बीमारियों से निजात पा सकते हैं। साथ ही शरीर को फिट रखने और पेट की चर्मी को कम करने में भी सहायक होता है।
विपरीत करानी आसनन
सांस संबंधी बीमारियों से लड़ने औऱ बचने के लिए ‘’लेग अप द वॉल’’ एक बेहतरीन मुद्रा है। यह हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखता है। इस आसन को करने के दौरान आप सिर दर्द, और पीठ दर्द जैसी समस्याओं से राहत पा सकते हैं। साथ ही यह पैर की मांस पेशियों को भी मजबूत बनाता है, जिससे आप पैर दर्द जैसी समस्याओं से भी निपट सकते हैं।
सेतु बंधासन
य़ह शरीर के लिए बेहद फायदेमंद आसन है। इस आसन को निमित रूप से करने से पेट की मांसपेसशियां मजबूत और लचीली होती हैं। साथ ही यह साइनस को खत्म करता है जिससे सिर दर्द, सर्दी, जुकाम और पेट दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलता है। इस आसन को नियमित रूप से करने से फेफड़े खुलते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं और यह थायराइड की समस्या को भी दूर करता है।
सर्वांगासन
सर्दी में ठंड से कंधे और गर्दन के दर्द से निजात पाने के लिए आप सर्वांगासन कर सकते हैं। इसे करने से कंधे औऱ गर्दन में खिंचाव पैदा होता है। साथ ही यह ह्रदय को भी स्वस्थ रखता है।
धनुरासन
इस योग को करने के दौरान शरीर की मुद्रा धनुष के आकार में बन जाती है। इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के साथ पेट की मासपेशियों को मजबूत रखता है। जिससे हम पेट संबंधी बीमारियों से निजात पा सकते हैं। इस आसन को नियमित रूप से करने से यह शरीर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है और किडनी संबंधी विकार को भी दूर करता है।
मत्स्यासन
इस योग को करने के दौरान शरीर की मुद्रा मछली के आकार में बन जाती है। इसलिए इसे मत्स्यासन कहते हैं। इस आसन के दौरान आपकी छाती ऊपर की ओर उठ जाती है और आपका गला खुल जाता है। जिससे आपका गला साफ हो जाता है। इस आसन को नियमित रूप से करने पर सभी प्रकार के श्वसन संबंधी रोगों व सर्दी जुकाम से छुटकारा मिलता है।
सलम्बा शीर्षासन
सलम्बा शीर्षासन इसे शीर्षासन भी कहा जाता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ रक्त प्रवाह को भी बेहतर बनाता है। इस आसन को नियमित रूप से करने पर हम कई गंभीर समस्याओं और सर्दी जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से निजात पा सकते हैं।
शवासन
शवासन एक विश्राम मुद्रा है। सर्दी, जुकाम के दौरान आपको आराम करने की आवश्यकता होती हैं। यह उसे पूर्ण करता है और सर्दी जुकाम फैलाने वाले वायरस से बेहतर तरीके से लड़ता है।
नियमित रूप से अगरलइन योगासनों को किया जाए तो इससे इम्यूनिटी तो मजबूत होगी साथ ही सर्दी- जुखाम जैसी बीमारियां भी आपसे दूर रहेंगी।