- योग के जरिए आप अस्थमा की बीमारी से निजात पा सकते हैं।
- इस परेशानी से बचने के लिए योग प्राकृतिक उपाय है।
- रोजाना इन तीन योगासन को करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
किसी भी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए योग एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है। बड़ी से बड़ी बीमारी को आप योग के जरिए न सिर्फ कम कर सकते हैं, बल्कि उसे ठीक भी कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक योग के साथ परहेज किया जाए तो ह्रदय के बीमारी साथ-साथ अस्थमा जैसी बीमारी से भी छुटकारा पा सकते है। अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है, इससे फेफड़ों पर अधिक दबाव महसूस होता है। अगर सही वक्त पर इलाज न हो तो मुश्किल बढ़ सकती है और अस्थमा का अटैक भी आ सकता है।
वैसे तो अस्थमा के मरीजों को किसी चीज के लिए डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए, लेकिन आप योग का भी सहारा ले सकते हैं। इस परेशानी से बचने के लिए योग एक प्राकृतिक उपाय है। जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है, इसे रोजाना अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। वहीं आज आज इस समस्या से राहत पाने के लिए तीन ऐसे योग के बारे में बताएंगे, जिसे रोजाना 30 मिनट तक करना अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानते हैं वह योग कौन से हैं....
धनुरासन- अस्थमा के मरीजों के लिए धनुरासन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसे रोजाना करने के लिए शुरुआत में कुछ देर तक ही करें, फिर बाद में अपनी गति बढ़ाएं। इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद घुटनों को मोड़कर कमर के पास ले जाएं और अपने तलवों को दोनों हाथों से पकड़ लें। सांस अंदर की ओर लेते हुए छाती को जमीन से ऊपर उठाएं और पैरों को आगे की ओर खीचते हुए सामने देखें। धीरे-धीरे इसका अभ्यास करें। 15-20 सेकेंड बाद सांस छोड़ते हुए अपने पैर और छाती को धीरे-धीरे जमीन की ओर लाएं। पेट की हर समस्या का एक बेहतरीन इलाज है धनुरासन। रोजाना इस योगासन के करने से आप पेट से जुड़ी समस्या कब्ज, एसिडिटी और किसी भी तरह की समस्या दूर हो सकती है।
पवन मुक्तासन- अस्थमा के मरीज इस आसन से अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं। इसे करने के लिए आपको सबसे पहले शवासन की मुद्रा में लेटकर अपने दोनों पैरों को एक दूसरे से मिला लें। अब अपने हाथों को कमर पर रखें और पंजों को जमीन पर रखते हुए पैरों को घुटनों के पास से मोड़ें। इसके बाद अपने घुटनों को धीरे-धीरे अपनी छाती पर रखें। अब हाथों की कैंची बनाते हुए घुटनों को पकड़ें। इसके बाद सांस को बाहर की तरफ छोड़ते हुए सिर को जमीर के ऊपर उठाएं और अपनी ठोड़ी को घुटनों से मिलाएं। वहीं कैंची बने हाथों से घुटनों को छाती की ओर आराम से दबाएं।
शवासन- शवासन करने से अस्थमा के मरीजों को सांस लेने की समस्या कम हो सकती है। इसके लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर जाएं। दोनों पैरों में दूरी बना लें। ध्यान रहे कि पैर के पंजे बाहर की तरफ और एड़ियां अंदर की तरफ हो। आप इसके बाद अपने दोनों हाथों को सीधा कर लें। इसके बाद उंगलियों को मोड़ें और गर्दन सीधी रखें। इसके बाद अपनी आंखें बंद करें और पैर के अंगूठे से सिर तक का भाग ढीला छोड़ दें। अब अपना पूरा ध्यान अपनी सांस प्रक्रिया, सीने और नाभि पर लगाएं। इस पर बात का विशेष ध्यान रहे कि आपकी आंखें बंद ही रहे।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए है, इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रुप में नहीं लिया जा सकता। कोई भी स्टेप लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।)