डेंगू के डी2 वैरिएंट पर एलएनजेपी अस्पताल की एमएस डॉक्टर रितु ने टाइम्स नाउ नवभारत से कहा कि उत्तर प्रदेश में बच्चों की मौत डी2 वैरिएंट से हो रही है। साथ ही उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताते हुए लोगों को सावधान किया। उन्होंने कहा कि डेंगू 4 तरीके होते हैं, उनका इलाज 3 तरह से किया जाता है। डेंगू का D2 वैरिएंट बाकी डेंगू की तुलना में ज्यादा खतरनाक है, हालांकि हम संक्रमण के लक्षण देखकर इलाज करते हैं। डेंगू D2 में बहुत बार हेमरेज यह समस्या आती है, जिसकी वजह से मरीज की मृत्यु हो सकती है। इसके अलावा बहुत ही तेज गति से प्लेटलेट घट जाते हैं और इंटरनल ब्लीडिंग की संभावना रहती है।
पोस्ट मॉनसून और नमी वाले इलाकों में जहां साफ पानी मिलता है। वहां डेंगू के मच्छर पनपने की संभावना रहती है। यही वजह है कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में डेंगू बहुत तेजी से फैल रहा है। इसका इलाज घर पर नहीं करना चाहिए, क्योंकि कई बार गलत पेनकिलर या अन्य दवाई लेने से आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है ,साफ सफाई का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस के दौर में जब तक बहुत ज्यादा जरूरत ना हो, तब तक हम मरीजों को खून मोटा करने की दवाई नहीं देते है।