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शास्त्री का 'जय जवान, जय किसान' नारा PM मोदी ने किया 'अपग्रेड', जोड़ा जय अनुसंधान; वाजपेयी ने भी जोड़ी थी यह कड़ी

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 15, 2022 | 10:50 IST

76th Independence Day: शास्त्री ने मूल नारा 26 जनवरी, 1965 को दिया था। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान देश के जवानों और किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए यह नारा दिया था।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
मुख्य बातें
  • 76वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला का प्राचीर से देश को पीएम का संबोधन
  • भाषण के दौरान शास्त्री का जिक्र कर मूल नारे में जोड़ दी सबसे ताजा कड़ी
  • भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने का किया आह्वान

76th Independence Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (15 अगस्त, 2022) को पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के दिए एक नारे को अपग्रेड कर दिया। 'जय जवान, जय किसान' में उन्होंने अपनी ओर से जय अनुसंधान जोड़ा। पीएम मोदी के चलते अब यह नारा "जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान" हो गया। गुजरात से ताल्लुक रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी से पहले इस नारे में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी एक कड़ी जोड़ी थी। उन्होंने इसमें जय विज्ञान शामिल किया था।  

76वें स्वतंत्रता दिवस से जुड़े भाषण के दौरान पीएम ने बताया- जय जवान, जय किसान का लाल बहादुर शास्त्री का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। अटल ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी। लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वह है जय अनुसंधान। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान।

देश के दूसरे पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने मूल नारा नई दिल्ली के राम लीला मैदान में एक विशाल रैली में 26 जनवरी, 1965 को दिया था। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान देश के जवानों और किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए यह नारा दिया था। उनके बाद साल 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण के बाद अटल ने इस नारे में जय विज्ञान को जोड़ा था। 

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