Maharashtra political Crisis : महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। यहां की राजनीति कौन सा करवट लेने जा रही है यह बहुत कुछ शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के अगले कदम पर निर्भर करता है। शिवसेना की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। उसके विधायकों का टूटना लगातार जारी है। शिवसेना के छह और विधायक गुवाहाटी पहुंच चुके हैं। गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में ही शिंदे बागी विधायकों के साथ रुके हुए हैं। शिंदे गुट आज कोई बड़ा फैसला कर सकता है। उधर, एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की आज बड़ी बैठक होनी है।
महाराष्ट्र में उभर सकती है ये 4 तस्वीर
महाराष्ट्र में गहराए राजनीतिक संकट के बारे में चुनावी पंडित विश्लेषण कर रहे हैं। उनका मानना है कि राज्य की राजनीति का भविष्य एकनाथ शिंदे के कदम पर निर्भर है। उनके पास इतने विधायक हो चुके हैं कि उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा। शिंदे के पास कई विकल्प मौजूद हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ताजा घटनाक्रमों को देखते हुए महाराष्ट्र में फिलहाल ये चार परिस्थितियां बन सकती हैं-
- पहला, यह कि उद्धव ठाकरे सीएम पद से इस्तीफा दे दें और एकनाथ शिंदे को सीएम पद की शपथ दिलाई जाए
- दूसरा, शिंदे अपनी अलग पार्टी बनाएं और भाजपा के समर्थन से सरकार चलाएं
- तीसरा, अगली सरकार का विकल्प आने तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए
- और चौथा सरकार न बनने की सूरत में विधानसभा भंग कर दी जाए
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अल्पमत में आ गई है अघाड़ी सरकार
विधायकों के बागी होने के बाद शिवसेना के पास विधायकों की संख्या काफी कम हो गई है। सूत्रों की मानें तो उद्धव ठाकरे के साथ केवल 16 विधायक हैं। यदि ऐसा है तो एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों को मिलाकर अघाड़ी गठबंधन के पास 115 विधायक होते हैं जबकि बहुमत का आंकड़ा 145 है। वहीं शिंदे गुट के साथ भाजपा और अन्य विधायकों की संख्या को यदि जोड़ दिया जाता है तो यह संख्या 159 हो जाती है। स्पष्ट है कि उद्धव सरकार तकनीकी रूप से अल्पमत में आ गई है।
राउत ने भाजपा पर लगाए आरोप
इस बीच, शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। राउत ने कहा है कि 17-18 विधायक भाजपा के कब्जे में हैं। दो विधायक शिवसेना में वापस लौट चुके हैं। राउत ने कहा कि वह किसी कैंप की बात नहीं करेंगे। विधायकों के सामने आने पर सभी बातें साफ हो जाएंगी। केवल भक्त कहने से कोई शिवसैनिक नहीं हो जाता।