नई दिल्ली: देश भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से तो बढ़ ही रहे हैं। लेकिन दुख की बात है कि इससे हमें बचाने वाले डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाप भी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक देशभर में अब तक करीब 90 डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ ने COVID-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। पिछले कुछ घंटे में 909 नए मामले सामने आए और 34 लोगों की मौत हो गई। देश में अब तक कुल 8350 से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। देश भर में 273 लोगों की मौत हो गई है। लेकिन 716 लोग कोरोना वायरस को मात देकर घर वापस आ गए हैं।
रोगी के संपर्क में आने से हो रहे हैं संक्रमित
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वाले यौद्धा हेल्थ केयर वर्कर ही हैं। लेकिन मरीजों के इलाज करते वक्त उनमें से कई प्रभावित हुए हैं। इस बीच, दो पैरामेडिक्स, जो एक कोरोना वायरस रोगी के संपर्क में थे। वे शुक्रवार को वायरस पॉजिटिव पाए गए। पीटीआई ने सीनियर हेल्थ ऑफिसर के हवाले से कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुल मामले 31 तक पहुंच गए हैं। दोनों ने सोलन जिले के एक प्राइवेट अस्पताल में काम करते थे, जहां दिल्ली की रहने वाली 70 वर्षीय महिला का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था और बाद में चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में उसकी मृत्यु हो गई।
हेल्थ केयर वर्कर के पास सुरक्षा उपकरणों की कमी
कई स्थानों पर, डॉक्टरों और हेल्थ केयर वर्कर के पास पर्याप्त सुरक्षात्मक उपकरणों की कमी है। आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों को डोनेशन के माध्यम से 1 लाख रुपए के सुरक्षात्मक उपकरण खरीदने पड़े। हालांकि, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा उपकरणों की पर्याप्त आपूर्ति के रूप में जूनियर डॉक्टरों की चिंता "गलत" थी।
भारत में भी बन रहे हैं सुरक्षा उपकरण
भारत पहले ही अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट, एन 95 मास्क और वेंटिलेटर के लिए ऑर्डर कर चुका है। रखा है और प्राइवेट कंपनियों की मदद से घरेलू निर्माण भी शुरू कर दिया है। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में कोरोनो वायरस के मामलों में एक पुनरावृत्ति केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए भी चिंता का कारण है।