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J&K: इससे दुखद क्या होगा, पिछले 8 महीने से रोज 'खुदाई' करके अपने लापता सैनिक बेटे को खोज रहा है बेबस पिता

Updated Apr 05, 2021 | 13:03 IST

जम्मू-कश्मीर में एक शख्स पिछले आठ महीने से हर रोज खुदाई कर रहा है इस आस में कि उसके लापता बेटे का कोई सुराग मिल जाए या उसकी डेड बॉडी ही मिल जाए, एक पिता के लिए ये बेहद पीड़ादायक है।

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पिता शाकिर इससे बेहद मायूस और गमजदा हैं वो कहते हैं कि' इतने महीनों से मैं सो नहीं पा रहा हूं

जम्मू-कश्मीर  में मंजूर अहमद वागे नाम का एक शख्स पिछले आठ महीने से हर रोज खुदाई कर रहे हैं इसके पीछे की वजह ये है कि वो खुदाई करके अपने जवान बेटे का शव खोज रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है, बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पिछले साल 2 अगस्त को एक फौजी जवान शाकिर मंज़ूर का आतंकियों ने अपहरण कर लिया था, उसके कुछ दिन बाद ही शोपियां  के एक बाग में शाकिर मंज़ूर  के खून से लथपथ कपड़े मिले थे।

ये घटना किसी भी पिता के लिए वज्रपात से कम नहीं है कि उसका बेटे का पता ही नहीं लगे हालांकि कहा जा रहा है कि आतंकियों ने उसकी हत्या कर दी है लेकिन इस घटना को करीब  8 महीने गुजर चुके हैं लेकिन शाकिर मंजूर का अभी तक पता नहीं चल सका है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 2 अगस्त को 25 वर्षीय सिपाही राइफलमैन शाकिर मंजूर शोपियां इलाके में बालपोरा से बाहिबाग सेना के कैंप के लिए जा रहे थे। उस दिन ईद था इसलिए शाकिर अपने परिवार से मिलने घर चले गए उन्होंने घर पर दोपहर का खाना खाया और शाम 5 बजे घर से निकल गए उसके बाद से उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है।

पिता हर दिन फावड़े समेत खोदने वाले हथियारों की मदद से करता है खुदाई

बताते हैं कि आतंकवादियों ने हमला कर अपहरण कर लिया था और तभी से उसका कोई पता नहीं चल रहा है ना ही कोई खबर मिली है बस तभी से उसके पिता हर दिन फावड़े समेत खोदने वाले हथियारों की मदद से उस जगह के आसपास खुदाई कर रहे हैं, जहां उनके जवान बेटे के खून से लथपथ कपड़े मिले थे।

'मैं तब तक कैसे सो सकता हूं जब तक शाकिर को पूरे सम्मान के साथ दफना नहीं दूंगा'

शाकिर कहते हैं कि मैंने अपने पड़ोसियों से कहा कि हम वहीं चलकर शव की तलाश करते हैं, जहां से कुछ महीने पहले खुदाई शुरू की थी इस काम में उनके कई पड़ोसी भी हाथ बंटा रहे हैं मगर अभी तक नतीजा कुछ नहीं निकला है। पिता शाकिर इससे बेहद मायूस और गमजदा हैं वो कहते हैं कि' इतने महीनों से मैं सो नहीं पा रहा हूं, मैं तब तक कैसे सो सकता हूं जब तक शाकिर को पूरे सम्मान के साथ दफना नहीं दूंगा।'

शाकिर मंजूर को मुर्दा घोषित नहीं किया गया है

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, शाकिर मंजूर अब तक लापता है और उसे मुर्दा घोषित नहीं किया है, जम्मू-कश्मीर पुलिस  का कहना है, 'हमारे पास इसके कोई ठोस सबूत नहीं है कि शाकिर मंज़ूर  की हत्या करके उन्हें दफना दिया गया है. स्थानीय स्तर पर पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि उसके बारे में कोई भी जानकारी मिलेगी तो हम परिवार के साथ शेयर करेंगे।
 

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