- नक्सलियों के भीषण हमलों में से एक था बीजापुर में सुरक्षाबलों पर हमला
- अमित शाह ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक ले जाएंगे
- नक्सलियों ने घात लगाकर तीन तरफ से सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू की
रायपुर : शनिवार को बीजापुर कोबरा कमांडो पर हुआ नक्सली हमला अब तक के सबसे भीषण हमलों में से एक था। घात लगाकर किए गए इस हमले में 23 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई जबकि 33 घायल हुए। एक कोबरा कमांडो अभी भी लापता है। रविवार को बीजापुर की जंगल में घटनास्थल पर जब सुरक्षाकर्मियों का दस्ता पहुंचा तो उन्हें घायल जवान मिले। नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद कुछ जवानों ने वहां खाली पड़ी छोपड़ियों में शरण ली थी। घायल जवानों का कहना है कि वे नक्सलियों की बिछाई गई 'जाल' में फंस गए। जवानों के मुताबिक नक्सलियों ने घायल कमांडो को धारदार हथियार से वार किए, उन्हें गोली मारी। नक्सलियों ने कुछ जवानों की पीट-पीटकर मार डाला।
नक्सली कमांडर के गढ़ में हुई मुठभेड़
टीआआई की रिपोर्ट के मुताबिक जिस इलाके में मुठभेड़ हुई वह क्षेत्र नक्सली कमांडर माडवी हिडमा का गढ़ है। हिडमा का पहली बार नाम साल 2013 में झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर हुए हमले और उनके कत्लेआम के बाद आया। रिपोर्ट के मुताबिक घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पहले विस्फोट किया। फिर इसके बाद उन पर तीन तरफ से गोलियों की बौछार कर दी। तीन तरफ से घिर जाने एवं निशाना बनाए जाने के चलते जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला और इस कारण उन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचा।
400 नक्सलियों ने 3 तरफ से हमला किया
मुठभेड़ में जिंदा बचे एक सुरक्षाकर्मी ने बताया कि उन पर तीन तरफ से 400 से ज्यादा नक्सलियों ने हमला किया। नक्सलियों का यह घात दो किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक टेकुलगुडा गांव तक फैला था। जवानों ने घात से निकलने और उसे तोड़ने के लिए काफी लड़ाई लड़ी। कुछ जवान अपने घायल साथियों को खाड़ी पड़े टेकुलगुडा गांव ले गए। यहां आतंकी धारदार हथियारों के साथ छिपे थे। यहां पहुंचने पर नक्सलियों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला किया।
खून से सनी जवानों की लाशें चारों तरफ पड़ी थीं
रिपोर्ट के मुताबिक घटनास्थल पर पुलिस से पहले पहुंचे कुछ स्थानीय लोगों ने बताया, 'खून से लथपथ जवानों की लाशें एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक फैली हुई थीं। नक्सलियों से उनकी जद्दोजहद एवं मुठभेड़ की निशानियां साफ दिख रही थीं। गोलियों से छलनी एवं धारदार हथियारों से गुदे हुए जवानों के शरीर टेकुलगुडा की झोपड़ियों एवं मैदान में बिखरे पड़े थे। जवानों के कुछ शवों के नीचे यूनिफॉर्म नहीं थी।'
गांव के घरों को खाली करा लिया था
ग्रामीणों का कहना है कि सुरक्षाबलों पर गोलीबारी करने के लिए नक्सलियों ने पहाड़ी की चोटी, मैदान और गांवों के भीतर पोजीशन ली हुई थी। नक्सलियों ने अपनी साजिश के मुताबिक टेकुलगुडा गांव के सभी 50-60 घरों को खाली करा लिया था। ग्रामीणों का कहना है, 'घटनास्थल से बुलेट और देसी मोर्टार बरामद हुए हैं।' गृह मंत्री तम्रध्वज साहू ने बताया कि बीजापुर जंगल के भीतरी भाग में अभियान चलाने के लिए करीब 2000 जवान गए थे। जवानों को सूचना मिली थी कि यहां बड़ी संख्या में नक्सली बैठक करने वाले हैं।
गृह मंत्री शाह ने जवानों को दी श्रद्धांजलि
गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर जाकर मृत जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उनकी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सुरक्षाबलों के अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई। बैठक के बाद गृह मंत्री ने कहा कि 'संकट की इस घड़ी में पूरा देश जवानों के पीड़ित परिवार के साथ है। उनका यह बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा। नक्सलियों के साथ हम अपनी लड़ाई को अंजाम तक ले जाएंगे और इस लड़ाई में हमारी विजय होगी।' शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अपने खिलाफ चलने वाले ऑपरेशन से नक्सली घबरा गए हैं। उन्होंने झल्लाहट में आकर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया।