- संसद के दोनों सदन में तीन विवादास्पद कृषि कानून रद्द
- केंद्र ने समिति के गठन के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से पांच नाम मांगे हैं
- MSP की गारंटी समेत किसानों के अभी भी अन्य मुद्दे हैं
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के वापसी के बाद सरकार ने किसानों की अन्य मांगों को लेकर आगे की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। किसानों के पास सरकार का फोन गया है और बातचीत के लिए 5 किसान नेताओं के नाम मांगे गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पुष्टि की है कि भारत सरकार की ओर से पंजाब किसान संघ के नेता को एक टेलीफोन कॉल आया था, जिसमें सरकार चाहती थी कि एसकेएम की ओर से एक समिति के लिए पांच नामों का सुझाव दिया जाए।
एसकेएम ने आगे कहा कि हालांकि, हमें इस बारे में कोई लिखित सूचना नहीं मिली है और न ही इस बारे में कोई विवरण उपलब्ध है कि यह समिति किस बारे में है, इसके संदर्भ की शर्तें क्या हैं। इस तरह के विवरण के अभाव में इस मुद्दे पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इसके अलावा बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री और हरियाणा किसान संघ के नेताओं के बीच कल बैठक की खबर के संबंध में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमें अभी तक हरियाणा सरकार से कोई औपचारिक या अनौपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। अभी तक कोई बैठक निर्धारित नहीं की गई है।
किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि किसान संगठन इस मामले में चार दिसंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेंगे। मोर्चा ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह स्पष्ट किया कि लंबित मांगों और किसान आंदोलन के भविष्य के कदमों पर निर्णय लेने के लिए होने वाली बैठक बुधवार के बजाय चार दिसंबर को होगी।