- भाजपा के 60 विधायक रिजॉर्ट पहुंचे, पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि विधायकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
- कांग्रेस पहले ही अपने विधायकों को रिजॉर्ट पहुंचा चुकी है।
- राजस्थान की 4 राज्य सभा सीटों के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसलिए वहां के चुनाव बेहद रोचक हो गए है।
Rajya Sabha Election 2022: कांग्रेस के बाद भाजपा को भी रिजॉर्ट पर भरोसा हो गया है। उसने भी 10 जून को होने वाले राज्य सभा चुनाव के पहले अपने कई विधायकों को रिजॉर्ट में भेजना शुरू कर दिया है। इसके पहले कांग्रेस ने जयपुर में अपने विधायकों को रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया था। असल में राजस्थान में 4 सीटों पर हो रहा राज्य सभा चुनाव बहुत रोचक हो गया है। ऐसे में दोनों पार्टियों को अब क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। जिसे देखते हुए दोनों दोलों के नेतृत्व को रिजॉर्ट ही सबसे सुरक्षित लग रहा है।
60 विधायक पहुंचे रिजॉर्ट
न्यूज एजेंसी के अनुसार र्टी के एक नेता ने बताया है कि जयपुर-आगरा हाईवे पर जामदोली में स्थित रिजॉर्ट में भाजपा के करीब 60 विधायक ठहरे हुए हैं। हालांकि पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा है कि विधायकों को रिजॉर्ट में इसलिए शिफ्ट कराया जा रहा है, ताकि उन्हें राज्य सभा चुनावों के लिए ट्रेनिंग दिया जा सके। ऐसी उम्मीद है कि पार्टी वरिष्ठ नेता भी पहुंचेंगे और राज्य सभा चुनाव के संबंध में विधायकों से बात भी करेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आरोप
इसके पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह, कांग्रेस विधायकों को लालच दे रही है। और विधायकों को अपने साथ आने के लिए 25 करोड़ रुपए का ऑफर दे रही है। मुख्यंत्री के बात से साफ है कि कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर है और इससे बचने के लिए पार्टी विधायकों को रिजॉर्ट भेजकर भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों से उन्हें बचाना चाहती है।
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राजस्थान में रोचक हुए चुनाव
राजस्थान की 4 राज्य सभा सीटों के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसलिए वहां के चुनाव बेहद रोचक हो गए है। और उस पर से भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन कर चुनाव को और रोचक बना दिया है। मौजूदा संख्या बल के आधार पर कांग्रेस 2 और भाजपा केवल एक सीट आसानी से जीत सकती है। लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के मैदान में उतरने और भाजपा को उन्हें समर्थन के ऐलान के बाद समीकरण बिगड़ गया है। उपर से कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा और पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा की खुलकर नाराजगी परेशानी का सबब बन सकती है। इसलिए कांग्रेस और भाजपा कोई नहीं चाहते कि उनके नेताओं में सेंध लग जाय। और ऐसे में रिजॉर्ट सबसे भरोसेमंद दिख रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)