- प्रधानमंत्री इमरान खान को प्रमुख सहयोगी दल ने दिया झटका, विपक्ष से मिला
- इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं
- इमरान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 172 मत की जरूरत पड़ेगी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आज राष्ट्र को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के साथ इस्लामाबाद में अपने आवास पर बैठक की। इमरान खान ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक भी बुलाई।
इस बीच उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। इमरान खान ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल की विशेष बैठक की अध्यक्षता भी की।
इमरान खान ने दावा किया है कि विदेश से उनकी सरकार गिराने की धमकी मिली है। वो पत्रकारों को चिट्ठी दिखाएंगे। वहीं पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने बुधवार को कहा कि विपक्ष को ऐसे समय में 175 सांसदों का समर्थन प्राप्त है, जब उसे प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए केवल 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को एक और झटका लगा है क्योंकि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने संयुक्त विपक्ष के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ दिया है।
इमरान खान को 342 सदस्यों वाले सदन में विपक्ष की कोशिश को विफल करने के लिए 172 वोटों की आवश्यकता है। हालांकि जमीयत उलेमा-ए-इस्लामा फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि विपक्ष के पास 175 सांसदों का समर्थन है और प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। यह भी घोषणा की गई कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। पीटीआई के 155 सदस्य हैं और सत्ता बनाए रखने के लिए कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है। खान को अपने लगभग दो दर्जन सांसदों और सहयोगी दलों द्वारा विद्रोह का भी सामना करना पड़ रहा है। कल शाम 4 बजे पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी, तीन अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। सदन में 28 मार्च को नो कॉन्फिडेंस मोशन पेश हुआ था।
क्या सियासी फायदे के लिए मज़हब का इस्तेमाल कर रहे हैं इमरान खान?