- कांग्रेस नेता अहमद पटेल का निधन कोविडि-19 की वजह से हुई
- वे कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं जिन्होंने कभी पार्टी को नहीं छोड़ा
- वे पहली बार 26 साल की उम्र में सांसद बने थे
नई दिल्ली: कांग्रेस के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल का आज (25 नवंबर) निधन हो गया है। वे कोविड-19 पॉजिटिव थे। उन्हें 15 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर फैलते ही भारतीय राजनीति में शोक की लहर फैल गई। खास करके कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी क्षति हुई। वे सोनिया गांधी के करीबियों में से एक थे। उनके निधन से दुखी कांग्रेस के अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर गहरा दुख व्यक्त किया। इनके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य नेताओं ने भी पटेल के निधन पर दुख जताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि श्री अहमद पटेल के निधन से मैंने एक सहयोगी को खो दिया है, जिसका पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित था। मैं एक अपरिवर्तनीय कामरेड, एक वफादार सहयोगी और एक दोस्त खो चुकी हूं। उनकी ईमानदारी और समर्पण, अपने कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, हमेशा मदद करने के लिए तैयार और उनकी उदारता ये सब उनमें दुर्लभ गुण थे जो उन्हें दूसरों से अलग करते थे। उनके शोक संतप्त परिवार के लिए मेरी गहरी संवेदना है। जिन्हें मैं अपनी सहानुभूति और समर्थन की सच्ची भावना प्रदान करती हूं।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, यह एक दुखद दिन है। श्री अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के एक स्तंभ थे। उन्होंने कांग्रेस में रहकर सांस ली और अपने सबसे कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहे। वह पार्टी के लिए बड़ी संपत्ति थे। उन्हों हम हमेशा याद करते रहेंगे। फैसल, मुमताज और उनके पूरे परिवार के प्रति मेरा प्यार और संवेदना है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि अहमद जी न केवल बुद्धिमान थे बल्कि अनुभवी सहकर्मी थे, जिनसे मैं लगातार सलाह और परामर्श के लिए मुखातिब होती थी, वे एक ऐसे दोस्त थे जो हमेशा हम सभी के साथ खड़े रहे, दृढ़, निष्ठावान और अंत तक भरोसेमंद रहे। उनका निधन एक विशाल शून्य छोड़ देता है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का बुधवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और कुछ हफ्ते पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। पटेल के पुत्र फैसल पटेल और पुत्री मुमताज सिद्दीकी ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर बताया कि उनके पिता ने बुधवार को तड़के तीन बज कर करीब 30 मिनट पर अंतिम श्वांस ली। उन्होंने कहा कि दुख के साथ अपने पिता अहमद पटेल की दुखद और असामयिक मृत्यु की घोषणा कर रहा हूं। 25 तारीख को सुबह करीब 3.30 बजे उनका निधन हो गया। फैसल और मुमताज ने बताया कि करीब एक महीने पहले उनके पिता कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। पटेल को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
कांग्रेस के तालुका पंचायत अध्यक्ष के पद से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अहमद पटेल आठ बार सांसद रहे। 1977 में वे 26 साल की उम्र में लोकसभा पहुंचे थे। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।