नई दिल्ली : देश अभी कोरोना के प्रकोप का सामना कर रही ही रहा है कि लोगों पर ब्लैक फंगस अथवा मुकोरमाइकोसिस का खतरा बढ़ गया है। हरियाणा राजस्थान, उत्तराखंड, यूपी, केरल, दिल्ली, असम सहित कई राज्यों में ब्लैग फंगस के मामले सामने आए हैं और इससे ग्रस्त कई मरीजों की मौत हो चुकी है। ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं। इस बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने ब्लैक फंगस की पहचान के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। एम्स का कहना है कि ऐसे लोग जो अनियंत्रित डाइबिटिज के शिकार हैं और जो स्टेरॉयड लेते हैं उनके ब्लैक फंगस की चपेट में आने का खतरा ज्यादा है।
ब्लैक फंगस से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। यहां इस बीमारी से अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि राजस्थान में 100 से ज्यादा मामले आए हैं। गहलोत सरकार ने राज्य में इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है और इसके मरीजों के इलाज के लिए अलग से वार्ड बनाया है।
इन लोगों को खतरा अधिक
- एम्स का कहना है कि ऐसे मरीज जिनमें डायबिटीज अनियंत्रित रहता है और जो डायबेटिक केटोएसिडोसिस के शिकार हैं। इसके अलावा जो स्टेरायड लेते हैं, उनमें इस बीमारी का ज्यादा खतरा है।
- ऐसे मरीज जो इम्यूनोसुप्रेसैंट अथवा एंटीकैंसर का इलाज करा रहे हैं और जिनमें गंभीर रूप से डायबिटीज है, उन पर भी जोखिम ज्यादा है।
- ऐसे मरीज जो लंबे समय से और ज्यादा मात्रा में स्टेरायड लेते हैं, उन्हें भी यह बीमारी अपनी चपटे में ले सकती है।
- ऐसे कोरोना मरीज जो नाक अथवा वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन पर निर्भर हैं, उन पर भी इस बीमारी का खतरा है।
ये लक्षण दिखे तो हो जाएं सावधान
- नाक से काला द्रव्य, पदार्थ अथवा रक्त आने पर
- नाक अवरुद्ध होने पर, सिरदर्द अथवा आंख में दर्द, आंख के आसपास सूजन, आंख में लालीपन, दृष्टि बाधा, आंख बंद करने और खोलने में परेशानी इस बीमारा का मुख्य लक्षण है।
- चेहरे पर सुन्नता का होना या सिहरन।
- चबाने अथवा मुंह खोलने में परेशानी का होना।
- दांत का कमजोर पड़ना, मुंह के अंदर काला धब्बा, सूजन का होना।
लक्षण दिखने पर क्या करें
- मरीजों में ब्लैक फंगस के दिखने पर एम्स ने जो गाइडलाइन जारी की है, वह इस प्रकार है-
- ये लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत ईएनटी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- लगातार इलाज कराएं और डॉक्टर से फॉलो-अप लें। डायबिटीज वाले लोग अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें और उसकी निगरानी करें।
- अन्य बीमारी अगर है तो उसका इलाज जारी रखें।
- स्टेरायड अतवा एंटीबॉडीज लेने वाले मरीज खुद से इलाज न करें।
- साइनस की बीमारी वाले लोग डॉक्टर की सलाह पर एमआरआई अथवा सीटी स्कैन करा सकते हैं।