नई दिल्ली : चक्रवात 'ताउते' की जवह से समुद्र में डूबे बार्ज पी-305 के चीफ इंजीनियर ने सनसनीखेज आरोप लगाया है। चीफ इंजीनियर का कहना है कि चक्रवात 'ताउते' को लेकर मौसम विभाग और तटरक्षक बल ने जो चेतावनी जारी की उसे कैप्टन ने नजरंदाज किया। कैप्टन का मानना था कि चक्रवात बार्ज को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। इस बीच, बचाए गए जहाज कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बचाए गए कर्मियों एवं पीड़ित परिजनों का कहना है कि जहाज कंपनी और ओएनजीसी ने अभी तक उनसे मुलाकात नहीं की है। परिजन सवाल उठा रहे हैं कि बाकी बार्ज बंदरगाह की तरफ वापस लौट आए लेकिन पी 305 क्यों नहीं लौटा?
बार्ज 25 साल पुराना और अच्छी हालत में नहीं था
बताया जा रहा है कि यह जहाज करीब 25 साल पुराना था और यह अच्छी हालत में नहीं था। इसे मलेशिया से लाया गया था। इस जहाज में कई तरह की खामियां होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि जहाज में जो लाइफ बोट थी उसमें सुराख था। सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि तटरक्षक बल और मौसम विभाग की लगातार अलर्ट को बार्ज ने नजरंदाज किया।
कैप्टन ने चेतावनी को अनसुना किया
जहाज के कैप्टन ने इन चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया और जहाज पर मौजूद चालक दल के सदस्यों से कथित रूप से कहा कि चक्रवात 'ताउते' ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगा। बंदरगाह की तरफ जहाज को न लाने का फैसला कैप्टन और जहाज की कंपनी का था। इतन लोगों के जीवन को दांव पर लगाना एक आपराधिक मामला है। इस हादसे की जांच के लिए तीन लोगों की एक समिति बनाई गई है।
लापता लोगों के लिए बचाव कार्य जारी
इस बीच, आईएनएस कोच्चि बचाव कार्य पूरा कर लौट आया है। आईएनएस कोलकाता, आईएनएन तलवार, आईएनएस वेग अभी भी राहत एवं बचाव कार्य चला रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य में नौसेना के विमान एवं हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। बताया जा रहा है कि 30 से 35 लोग अभी भी लापता हैं जिनके लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है।