Ajit Pawar: देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को एनसीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में एक बड़ा ड्रामा देखने को मिला। दरअसल शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार कथित तौर पर शरद पवार के सामने ही अधिवेशन को बीच में ही छोड़कर चलते बने। दरअसल महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल को उनके सामने बोलने का मौका दिए जाने के बाद वे बीच में ही वहां से चले गए।
नाराज अजित पवार चाचा के सामने ही मंच छोड़कर निकले
हालांकि बाद में अजित पवार ने साफ किया कि उन्होंने बैठक में इसलिए नहीं बोला, क्योंकि वह पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता नहीं हैं और ये राष्ट्रीय स्तर की बैठक थी। इससे पहले अधिवेशन में शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी ‘दिल्ली में मौजूद शासकों’ के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगी। पवार ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए गैर-भाजपा दलों से एक बार फिर मिलकर काम करने का आह्वान किया। उनका ये बयान ऐसे समय आया है, जब विपक्ष के कई नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों की तफ्तीश का सामना कर रहे हैं।
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शरद पवार ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के प्रदर्शन से निपटने के तरीके और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘नफरत फैलाने’ के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। राज्यसभा सांसद शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें लोकतांत्रिक तरीके से मौजूदा सरकार को चुनौती देनी है, जो प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों व धनबल का दुरुपयोग कर रही है। हमें इस लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा।
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वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पवार को विपक्षी ताकतों को एकजुट करने लिए विशेष भूमिका निभाने के लिए रखा गया था। इसके साथ ही उन्होंने उन कयासों को खारिज किया कि पवार अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं। पटेल ने कहा कि पवार ने हमेशा सकारात्मक राजनीति की है। इससे पहले शनिवार को शरद पवार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान निर्विरोध राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने गए।