देश के शहरों में आजकल अजीब सा खौफ छाया हुआ है। खौफ ऐसा जो आपके घर के आसपास है....आपकी सोसाइटी में है...आप सुबह-सुबह जहां टहलने जाते हैं उस पार्क में है। महानगरों में रहने वाले लोग हर वक्त इस खौफ में जीने को मजबूर हैं। खौफ के नाम में सबसे ऊपर आता है पिट बुल...ये नाम आजकल सबसे ज्यादा चर्चा में है। डेंजर का नाम है पिट बुल। ये बहुत ही खतरनाक है...कई देशों में तो इसे पालने पर रोक लगी हुई है मगर भारत में पिट बुल का शौक सिर चढ़कर बोल रहा है।
कुत्तों की प्रजाति में सबसे खतरनाक ब्रीड पिट बुल मानी जाती है... पिटबुल प्रजाति के कुत्ते सबसे खतरनाक और आक्रामक नस्ल के होते हैं...आजकल शहरों में पिट बुल धड़ल्ले से लोग पाल रहे हैं। जिस तादाद में पिट बुल का शौक बढ़ा है खतरा उतना ही बड़ा है। खूंखार पिट बुल आए दिन किसी ना किसी को शिकार बना रहा है।
आपको बता दें कि पिटबुल का वजन 16 से 30 किलो के बीच होता है... ये इतने खतरनाक और आक्रमाक होते हैं कि दुनियाभर के करीब 30 देशों ने इन कुत्तों को रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है... हालांकि भारत में पिटबुल पर प्रतिबंध नहीं है.. जबकि इंग्लैंड में पिटबुल पर पूरी तरह से बैन है.. इसके साथ ही न्यूजीलैंड, बेल्जियम, फ्रांस, डेनमार्क, पोलैंड और कनाडा के कई शहरों में पिटबुल बैन है...
हालांकि, अमेरिका सहित कई अन्य देशों में पिट बुल को आज भी पाला जाता है, लेकिन इनकी आक्रामकता को रोकने के लिए बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत होती है... साल 2015 में सिर्फ अमेरिका में ही पिट बुल के हमले से 28 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है...
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इंग्लैंड में 26 प्रतिशत लोग और अमेरिका में 48% लोग डॉग्स पालते हैं.. अमेरिका में कुत्तों के काटने के हर साल 45 लाख केस सामने आते हैं...। तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पिट बुल कितना खतरनाक है। इसीलिए अगर आपके पास पिट बुल प्रजाति के कुत्ते हैं तो खुद के साथ आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखें। कहीं आपकी लापरवाही दूसरों के लिए जानलेवा ना साबित हो जाए।
किन देशों में पिटबुल पर बैन ?
भारत में पिटबुल पर प्रतिबंध नहीं
इंग्लैंड में पिटबुल पर पूरी तरह से बैन
30 देशों में पिटबुल पर प्रतिबंध
न्यूजीलैंड, बेल्जियम, फ्रांस में बैन
डेनमार्क, पोलैंड में पिटबुल पर बैन
पिटबुल के सबसे ज्यादा हमले US में
US में पिटबुल पर प्रतिबंध नहीं
कनाडा के कई शहरों में पिटबुल पर बैन
रॉट वेल्लर जितना खतरनाक नाम वैसा ही काम। शक्तिशाली होने के साथ बहुत तेजी से वार करता है। 148 किलो के दबाव से रॉट वेल्लर हमला करता है।
खतरनाक कुत्तों की लिस्ट में दूसरा नाम है... रॉट वेल्लर रॉट वेल्लर कुत्ते शक्तिशाली तो होते ही हैं, लेकिन साथ ही बहुत तेज भी होते हैं.. यही वजह है कि ये कुत्ते पलक झपकने से पहले ही अपने शिकार को झपट लेते हैं... फिर भले ही वो शिकार इंसान ही क्यों न हो... रिसर्च बताती हैं कि रोटविलर नस्ल के कुत्ते का डीएनए भेड़िए के डीएनए से 99 प्रतिशत मैच करता है...
साल 2014 में अमेरिका में रॉट वेल्लर के काटने से 3 लोगों की मौत हो चुकी है... 1993 से 1996 के बीच अमेरिका में कुत्तों के काटने से कई लोगों की मौत हुई थी, जिनमें आधे से ज्यादा लोगों की मौत का जिम्मेदार रॉट वेल्लर था... ये 1460 न्यूटन यानी 148 किलो के दबाव से किसी को काट सकता है.. यानि अगर रॉट वेल्लर के जबड़े में किसी का पांव आया.. तो फिर हड्डियों का कचूमर निकलना तय मानिये... इसका वजन 35 से 48 किलो के बीच होता है..यानि भारी भरकम रॉट वेल्लर अगर बेकाबू हुआ.. तो इसे कंट्रोल करना लगभग नामुमकिन मानिये... आलम ये है कि स्पेन और फ्रांस समेत कई देशों ने रॉट वेल्लर को पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जर्मन शेफर्ड कुत्ते को आपने भी जरूर देखा होगा। ये पुलिसिया कुत्ता है। काफी आक्रामक और जानलेवा। एक इशारे पर निशाने को दबोच लेता है। डाबरमैन पिन्स्चर प्रजाति के कुत्ते भी कुछ ऐसे ही होते हैं। पुलिस फोर्स के कुत्तों के रूप में पहचान बना चुका जर्मन शेफर्ड दुनिया के 10 सबसे खतरनाक कुत्तों में से एक है... स्वभाव से बेहद एग्रेसिव जर्मन शेफर्ड अकेले रहने पर और ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं...
आजकल घरों में भी खूब पाला जाने वाला जर्मन अगर अटैक कर दे... तो ये शिकार पर 108 किलो के दबाव से हमला करता और काटता है... यानि इसके जबड़ों में जो आया.. उसका बाद बच पाना मुश्किल होता है.. जर्मन शेफर्ड का वजन 30 से 40 किलो के बीच होता है.. कई देशों में इसे पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है...
डाबरमैन पिन्स्चर भी है खतरनाक
कई देशों में लग चुका है प्रतिबंध
डाबरमैन पिन्स्चर प्रजाति के कुत्ते भी कॉप्स डॉग कहे जाते हैं, लेकिन अब आम लोग भी इसे घरों में पालने लगे हैं... यह खतरनाक कुत्ता अजनबी लोगों को देखते ही बेहद आक्रामक हो जाता है, कई बार तो ये उनपर हमले के लिए भी तैयार हो जाता है.. लेकिन अक्सर मालिकों को देखते ही शांत भी हो जाता है... इसके काटने से साल 2011 में एक महिला की मौत हो गई थी, लेकिन इसके बाद इसके काटने से जुड़ी कोई खबर नहीं आई.. डाबरमैन पिन्स्चर का वजन 34 से 45 किलो के बीच होता है... कई देशों में इसे पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है...
डाबरमैन पिन्स्चर यानि 'डेंजर!'
अजनबियों को देखते ही बेहद आक्रामक
उनपर हमले के लिए भी तैयार हो जाता है
अभी तक आपने पिटबुल, रॉट वेल्लर और जर्मन शेफर्ड के बारे में जाना। आगे आपको ऐसे ही और भी खतरनाक डॉग ब्रीड्स के बारे बताएंगे। मगर उससे पहले आ ये जान लीजिए कि मैन वर्सेज डॉग की स्थिति क्यों आ गई है। इसका बड़ा कारण ये है कि लोगों को कुत्ता पालने के कानून, नियम और गाइडलाइंस ही नहीं पता है। देश में सरकार का एक Animal Welfare बोर्ड है, जो जीव जंतुओं के लिए काम करता है। इस Animal Welfare बोर्ड की Pet Owners के लिए कई गाइडलाइंस हैं। ये आपके लिए भी जानना जरूरी है।
पहली बात-
Pet Owners को अपने Pets को परिवार के सदस्य की तरह मानने का अधिकार है। Pet Owners किसी बच्चे की तरह ही अपने Pets का ध्यान रख सकते हैं। लेकिन Pet Owners के लिए सलाह ये है कि वो ये सुनिश्चित करें कि उनके Pets किसी दूसरे के लिए परेशानी और सिरदर्दी की वजह ना बनें।
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दूसरी बात-
कुत्तों का भौंकना उनके लिए बहुत स्वाभाविक है और इसे एक समाज को बर्दाश्त करना ही होगा। लेकिन लगातार भौंकने से पड़ोसी डिस्टर्ब हो सकते हैं। इसलिए Pet Owners को सलाह ये है कि वो अपने कुत्ते को शांत रखने की कोशिश करें खासतौर पर रात में।
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तीसरी बात-
कुत्तों को घर से बाहर निकालने और उन्हें कॉमन एरिया में ले जाने पर उन्हें चेन से बांध कर रखें। चेन से बांधकर रखने से आसपास से गुजरने वाले लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।
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चौथी बात
कुत्तों का रेगुलर वैक्सीनेशन सुनिश्चित करें।
ओपन एरिया में शौच के लिए ले जाने पर सफाई का भी ध्यान रखें।
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पांचवीं बात-
कुत्तों को लिफ्ट में ले जाने पर कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन अगर एक बिल्डिंग में लिफ्ट एक से ज्यादा है। तो अल्टरनेटिव लिफ्ट में ले जाने के लिए कहने पर Pet Owners को एतराज नहीं करना चाहिए।
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Animal Wellfare Board of India की गाइडलाइन कहती है कि कुत्तों को ओपन एरिया में ले जा रहे हैं तो उन्हें चेन से बांधकर ले जाएं
हालांकि कोई पालतू कुत्तों को Muzzle पहनाने के लिए नहीं कह सकता है। इसकी कानूनी बाध्यता भी नहीं है। क्योंकि गैर जिम्मेदार और लापरवाह Pet ओनर्स के लिए पहले से कानून है। लेकिन एक जिम्मेदार Pet ओनर होने के नाते आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि अगर आपका कुत्ता खतरनाक ब्रीड का है या फिर उसका व्यवहार अग्रेसिव है तो उसे Muzzle पहना कर ही बाहर ले जाएं। Muzzle यानी वो मास्क जो कुत्तों के मुंह पर लगाया जाता है। जिस से वो किसी को काट ना सकें।
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शहर-शहर कुत्तों का कहर क्यों है। इसके पीछे वजह है - कुत्ता पालने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से समझते ही नहीं हैं और गाउडलाइंस का पालन भी नहीं करते। क्योंकि इनके बहुत अधिकार हैं।
-अगर मोहल्ले या सोसाइटी में बहुसंख्यक लोग चाह भी लें, अगर रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन वाले चाह भी लें, तो वो कुत्ते पालने पर किसी तरह का बैन नहीं लगा सकते।
-वो ये भी नहीं कह सकते हैं कि छोटे साइज का कुत्ता ही पालो, बड़े साइज का कुत्ता नहीं पाल सकते। ये कहना भी कानून के खिलाफ है
-वो ये भी नहीं कह सकते कि कुत्ता बहुत भौंक रहा है और इसलिए उसे पालने पर बैन लगा देना चाहिए या उसके घूमाने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए
-Pet Owners को रोकने के लिए किसी भी इस तरह की रूल, रेगुलेशन या गाइडलाइंस नहीं बनाई जा सकती तो कानून के खिलाफ हो
-Pet Owners को अपने Pet को ले जाने के लिए लिफ्ट के इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं लगा सकता। ना ही उनसे किसी तरह का Charge लिया जा सकता है
-Pets के खुले में शौच करने पर Pet Owners की जिम्मेदारी को लेकर कोई कानून नहीं है। इसलिए RWA, AOA कोई बंदिश नहीं लगा सकता। कोई फाइन नहीं लगा सकता।एक तरफ अधिकार हैं, और एक तरफ जिम्मेदारी है। इन्हीं में जब बैलेंस नहीं होता तो बहस और लड़ाई होने लगती है। आजकल कुत्तों को लेकर सोसाइटीज़ में ऐसा बहुत हो रहा है।
कई बार इंसानों की गलती का ठीकरा हम इंसान इन Pets के सिर पर फोड़ देते हैं... लोग Pet Owners के तौर पर अपने अधिकारों के लिए तो अलर्ट रहते हैं.. लेकिन अपनी ज़िम्मेदारियां जानने की कोशिश भी नहीं करते हैं... इन्हें जानना और उनका निर्वहन करना भी आपके लिए बेहद ज़रूरी है... ये सभी Pet Owners की जिम्मेदारी होती है कि
-अपने कुत्ते को इस तरह से ट्रेनिंग दे कि वो कॉमन एरिया में जाने या दूसरे लोगों के बीच से जाने पर उग्र ना हों।
-अगर मुमकिन है तो कुत्ते को आसपास के इलाके से परिचित कराएं जिससे वो किसी को नुकसान ना पहुंचाएं।
-अगर सोसाइटी कोई गाइडलाइंस बनाती है तो उसका पालन करें जिससे सोसाइटी के लोग सुरक्षित रहें
-अगर कुत्ते को बाहर ले जा रहे हैं तो दूसरे लोगों की सुरक्षा और खासतौर पर बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखें।