नई दिल्ली: भारतीय सेना के पास एक ऐसा खास हेलमेट आने जा रहा है जो जवानों को दुश्मन की गोलियों से तो बचाएगा ही, साथ में यह आधुनिक तकनीक से लैस होगा और आतंकियों या फिर छिपे हुए किसी अन्य दुश्मन की जगह का पता लगा लेगा। आधुनिक तकनीक से लैस इस हेलमेट को तकनीक और ताकत के मिश्रण के साथ तैयार किया गया है। यह खास हेलमेट लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो में आकर्षण का केंद्र है।
हेलमेट पर अगर 10 मीटर करीब से भी गोली लगती है तब भी यह पहनने वाले को बचाने में सक्षम होगा। खास हेलमेट को मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर से तैयार किया गया है। इसे 'गनशॉट लोकेटर हेलमेट' कहा जाता हैं। भारतीय सेना के मेजर अनूप मिश्रा से जानिए इसकी खासियतें।
मेजर अनूप मिश्रा ने अभेद्य-1 नाम के अपने बैलिस्टिक हेलमेट को डिफेंस एक्सपो में दिखाया। यह दुनिया का पहला हेलमेट है जो 10 मीटर की रेंज से दागी गई AK-47 बुलेट को रोक सकता है।
इसके अलावा मेजर अनूप मिश्रा आर्मी इंस्टीट्यूट और एक निजी फर्म की ओर से संयुक्त रूप से विकसित किए गए स्वदेशी 'पार्थ’ गन शॉट लोकेटर डिवाइस को भी प्रदर्शित किया। जो हेलमेट के ऊपर लगाया जाता है। यह डिवाइस 400 मीटर की दूरी से गोली के दागे जाने के तुरंत बाद, फायर करने की हिमाकत करने वाले दुश्मन की सटीक स्थिति का पता लगा सकता है। यह तेजी से आतंकवादी को खोजने व उसका खात्मा करने में मदद करेगा।
दरअसल यह दो रक्षा उपकरणों (अभेद्य हेलमेट और पार्थ गनशॉट लोकेटर) का मिश्रण है जहां हेलमेट जवान की सुरक्षा करता है और इसके ऊपर लगा गनशॉट लोकेटर दुश्मन की जगह की पहचान करता है।
‘पार्थ’ के गन शॉट लोकेटर डिवाइस की कीमत लगभग 3 लाख रुपए है और अगर इसे सेना में शामिल किया जाता है, तो यह उपकरण विदेश से खरीदे जाने वाले उपकरण की जगह लेगा जिसके लिए लगभग 65 लाख रुपए चुकाने पड़ते हैं। हेलमेट के अलावा मेजर ने स्नाइपर राइफल की गोलियों से सुरक्षा के लिए फुल बॉडी बुलेट प्रूफ जैकेट भी विकसित की है। इसके बारे में एक लेख आप नीचे दिए लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं।