- यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं
- इस बीच धर्मों और समुदायों को लेकर भी खूब राजनीतिक टीका-टिप्पणी हो रही है
- बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने मुस्लिम शिल्पकारों को लेकर ऐसा ही बयान दिया है
मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ती सरगर्मियों के बीच धर्मों व समुदायों को लेकर भी बयानबाजियां तेज हो गई हैं। बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने अब मुस्लिम शिल्पकारों को लेकर ऐसा ही बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में हिन्दू ही नहीं, मुस्लिम शिल्पकार भी भगवान विश्वकर्मा के वंशज हैं। अतीत में वे भी हिन्दू थे, लेकिन समाज में उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण उन्होंने इस्लाम अपना लिया।
मुजफ्फरनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी सांसद ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम शिल्पकार ही नहीं, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने भी हिन्दू परिवार में जन्म लेने के बावजूद बौद्ध धर्म अपना लिया था, क्योंकि पढ़ा-लिखा होने के बाद भी समाज में उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला था। इस क्रम में उन्होंने महाभारत का भी जिक्र किया और 'भीष्म पितामह' का हवाला देते हुए कहा, 'वह कहा करते थे, जब कभी अन्याय, असमानता या अत्याचार हो, सबकुछ छोड़कर कुरुक्षेत्र आ जाना।'
भगवान विश्वकर्मा के वंशज हैं सभी शिल्पकार
बीजेपी सांसद ने कहा, केवल हिन्दू मूर्तिकार ही नहीं, बल्कि मुस्लिम शिल्पकार भी भगवान विश्वकर्मा के वंशज हैं। बाबर अपने साथ मूर्तिकारों को लेकर भारत नहीं आया था। इराक, ईरान और खाड़ी जैसे देशों में कोई शिल्पकार नहीं हो सकता, जहां घास भी नहीं उग पाती। वहां सिर्फ रेत के टीले हैं, कोई पत्थर नहीं है। वहां की भूमि से तेल के अतिरिक्त कोई अन्य खनिज बाहर नहीं निकलता। इसलिए सभी मुस्लिम भाई भगवान विश्वकर्मा के वंशज हैं।
बीजेपी सांसद ने कहा कि वह इतिहास के छात्र रहे हैं और उन्हें मालूम है कि मुस्लिम शिल्पकारों ने आखिर हिन्दू धर्म को छोड़कर इस्लाम क्यों अपनाया? उन्होंने कहा कि उनके धर्म परिवर्तन के पीछे जरूर कुछ कारण रहे हैं। बीजेपी सांसद ने कहा, 'मैं कुछ कारणों के बारे में जानता हूं। मैंने इतिहास पढ़ा है। बहुत सी बातें हैं, जो सार्वजनिक मंच से नहीं कही जा सकती। लेकिन अगर श्रम को सम्मान नहीं मिलता है तो लोग प्रतिक्रिया में धर्म को छोड़कर जाते हैं।'