- महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने शिवसेना पर साधा निशाना
- विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष चुनने को लेकर शिवसेना से जताई नाराजगी
- पटोले बोले- ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी शिंदे सरकार
नासिक: अंबादास दानवे को राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया है। इस पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन 'स्वाभाविक और स्थायी नहीं' है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन एक अलग स्थिति में बनाया गया था। दरअस शिवसेना ने हाल ही में दानवे को विधान परिषद में एलओपी के रूप में चुना, जिसने राज्य में उसके सहयोगियों को नाराज कर दिया।
बिना बातचीत के तय किया एलओपी
पटोले ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को लूप में लिए बिना यह कदम उठाया गया। पटोले ने कहा, 'विधान परिषद में एलओपी का पद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दिया गया है, जबकि परिषद के उपाध्यक्ष का पद शिवसेना को दिया गया है। जबकि, हमारा विचार था कि कांग्रेस को यह मिलना चाहिए। लेकिन निर्णय हमें ध्यान में रखे बिना लिया गया है। हम इस मुद्दे को उठाएंगे।' पटोले ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में शिवसेना से बात करने को तैयार है।
गठबंधन नेचुरल नहीं था
पटोले ने कहा, 'हम बात करने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। अगर वे (शिवसेना) बात नहीं करना चाहते हैं, तो यह उनकी चिंता है। हमने उनके साथ एक अलग स्थिति में गठबंधन किया था। यह हमारा प्राकृतिक या स्थायी गठबंधन नहीं है।' कांग्रेस के राज्य प्रमुख ने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नई सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह 'केंद्रीय एजेंसियों और धन का उपयोग करके' बनाई गई थी। साथ ही यह भी दावा किया कि सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी।
मंगलवार को हुआ था कैबिनेट विस्तार
पटोले ने कहा, 'सरकार बनने के 39 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। महाराष्ट्र में एक परंपरा है कि विभागों को तुरंत आवंटित किया जाता है। लेकिन अब, उन पर फैसला होना बाकी है, जो दर्शाता है कि मलाईदार मंत्रालयों के लिए लड़ाई चल रही है।' आपको बता दें कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार मंगलवार को कुल 18 विधायकों के साथ हुआ जिसमें रतीय जनता पार्टी से 9 और शेष 9 शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट से थे।