- प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर बयान दिया
- नीतीश ने कहा- वह हाथ जोड़कर कहते हैं कि पीएम बनने का उनका कोई इरादा नहीं है
- गत नौ अगस्त को जद-यू ने भाजपा के साथ अपना नाता तोड़ लिया, राजद के समर्थन से फिर सीएम बने नीतीश
Nitish Kumar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक बार फिर अपनी पीएम पद की दावेदारी एवं उम्मीदवारी पर बयान दिया। मीडिया से बातचीत में नीतीश ने कहा कि 'उनकी महात्वाकांक्षा पीएम बनने की नहीं है लेकिन उन्हें कई फोन कॉल्स आ रहे हैं।' उन्होंने कहा कि 2024 से पहले विपक्ष को एकजुट होना होगा, इसके लिए वह प्रयास करेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में नीतीश ने कहा, 'हम विपक्ष को एकजुट करना चाहते हैं और मैं इस दिशा में सकारात्मक काम कर रहा हूं। मुझे कई फोन कॉल्स आ रहे हैं। मैं विपक्ष को एकजुट करूंगा लेकिन उसके पहले मुझे यहां काम करना है।' पत्रकारों ने नीतीश से पीएम पद की उम्मीदवारी के बारे में उनसे सवाल किया। इस सवाल के जवाब में बिहार के सीएम ने यह बयान दिया।
पीएम बनने का मेरा इरादा नहीं-नीतीश
पीएम पद की उम्मीदवारी पर नीतीश ने कहा, 'मैं हाथ जोड़कर कहना चाहूंगा कि मेरा इस तरह का कोई इरादा नहीं है। मेरी जिम्मेदारी सभी के लिए काम करने की है। मेरी कोशिश विपक्ष को एकजुट करने की होगी। यदि वे एकजुट होते हैं तो यह अच्छी बात होगी।'
बता दें कि गत नौ अगस्त को जद-यू ने भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया। भाजपा से रास्ता अलग करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी की बैठक में सांसदों एवं विधायकों की राय थी कि अब एनडीए से अलग हो जाना चाहिए। नेताओं की राय पर यह फैसला हुआ। राजद के समर्थन से बिहार में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बनी है। 10 अगस्त को नीतीश कुमार ने सीएम पद की और तेजस्वी यादव ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
भाजपा के निशाने पर हैं नीतीश कुमार
गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश, भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा ने नीतीश पर जनादेश को 'धोखा' देने का आरोप लगाया। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार चाहते थे कि उन्हें उप राष्ट्रपति बनाया जाए। भाजपा और जद-यू अब आमने-सामने हैं। नीतीश के दोबारा सीएम बनने के बाद बिहार में अपराध की घटनाओं का जिक्र करते हुए भाजपा ने कहा कि राज्य में 'जंगलराज' एक बार फिर लौट आया है।