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- अमरनाथ में पवित्र गुफा के पास एक रोज पहले फटा था बादल
- जल प्रलय के चलते 15 की मौत, कई जख्मी, 25 टेंट नष्ट, 3 लंगर हॉल बहे
- 15 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पर किया गया शिफ्ट, रेस्क्यू जारी
Amarnath Cloudburst: अमरनाथ में पवित्र गुफा के पास एक रोज पहले आए जल तांडव के बाद शनिवार (नौ जुलाई, 2022) को जम्मू और कश्मीर के डोडा में बादल फट गया। घटना के बाद फ्लैश फ्लड (अचानक तेजी से आने वाली बाढ़) आ गया, जिसके चलते वहां कई गाड़ियां मिट्टी के मलबे में धंस और फंस गईं। इस बीच हाईवे भी ब्लॉक हो गया।
डोडा एसएसपी अब्दुल कयूम ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया था, "आज सुबह करीब चार बजे डोडा गुंटी वन में बादल फटने से ठठरी के ठठरी कस्बे में बाढ़ आ गई थी। फिलहाल किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है। बादल फटने से कई वाहन मिट्टी में धंसे और कुछ समय के लिए हाईवे भी बंद हो गया। हालांकि, ट्रैफिक व्यवस्था अब सुचारू रूप से बहाल कर दी गई है।"
अमरनाथ में जल प्रलय से कितना नुकसान?
अमरनाथ में आई आसमान आफत ने 13 लोगों की जान लील ली और 48 लोग घायल हुए। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई। हालांकि, मीडिया चैनलों में बताया गया कि मारे जाने वालों की संख्या 15 है। 65 लोग लापता भी बताए जा रहे हैं।
सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए गए 15000 लोग
आईटीबीपी के हवाले से एएनआई ने यह भी बताया कि आठ जुलाई की शाम एकदम आई बाढ़ से पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी में शिफ्ट किया गया है। आईटीबीपी ने रास्ता खोलने और सुरक्षा दलों को निचली पवित्र गुफा से पंजतरणी तक विस्तारित किया है। करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
'बाबा रक्षा करेंगे, दर्शन देंगे...', बोले श्रद्धालु
उधर, अमरनाथ गुफा में बादल फटने के बाद जम्मू बेस कैंप से अमरनाथ तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था शनिवार सुबह रवाना हुआ। पत्रकारों को एक श्रद्धालु ने बताया, "हमें अब यात्रा के लिए आगे जाने दे रहे हैं। सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। हमें बहुत अच्छा लग रहा है। बाबा सबकी रक्षा करेंगे। जो कल प्राकृतिक आपदा आई उसको लेकर दुख है लेकिन बाबा बर्फानी सबकी रक्षा करेंगे और दर्शन देंगे।"