बीजिंग/नई दिल्ली : कोरोना वायरस चीन में कहर बरपा रहा है। यहां इस जानलेवा वायरस से पीड़ित मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है, जबकि 830 लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आई है। यह वायरस चीन की सीमा को पार करते हुए थाईलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका तक पहुंच चुका है, जिसे देखते हुए भारत में भी कड़ी सतर्कता बरती जा रही है।
बड़ी संख्या में भारतीय छात्र चीन में पढ़ते हैं, जिनमें से लगभग 25 छात्र वुहान में फंसे हुए हैं। इनमें से 20 केरल के रहने वाले बताए जा रहे हैं। केरल से अन्य छात्र भी चीन में हैं, जो मुख्य रूप से चिकित्सा पढ़ाई के लिए वहां गए हैं। ऐसे में चीन से लौटने वालों की पर्याप्त जांच केरल व देश के अन्य एयरपोर्ट्स पर की जा रही है। वहीं, वुहान में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर चीन स्थित दूतावास करीब से नजर बनाए हुए है।
इस वायरस के संक्रमण का पहला मामला दिसंबर में वुहान में ही सामने आया था, जिसके बाद यहां इससे पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसे देखते हुए चीन में सरकार ने वुहाने जाने और वुहान से बाहर आने पर पाबंदी लगा दी है। विशेष परिस्थितियों में ही लोगों को वुहान आने-जाने की अनुमति है और इसके लिए भी उन्हें कई तरह के परीक्षण और प्रशासनिक कार्यवाही से निपटना पड़ता है।
बताया जा रहा है कि वुहान से करीब 300 किलोमीटर दूर यिचांग के एक अस्पताल में पढ़ाई करने वाले करीब 14 छात्रों को गुरुवार को कोलकाता के लिए फ्लाइट लेनी थी। लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। इस बीच बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास की ओर से गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा गया है कि वह वुहान में हालात पर नजर बनाए हुए है और वहां भारतीयों के संपर्क में है।
वायरस के बढ़ते असर के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से भी गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि चीन से आने वालों को एयरपोर्ट पर ही विशेष जांच से गुजरना होगा। यह वायरस संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से तेजी से दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। ऐसे में सावधनी ही बचाव है। कई मरीजों में इसका संक्रमण अपने आप ही समाप्त हो जाता है तो कुछ के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है।
इसके लक्षण आम सर्दी-जुकाम, बुखार और निमोनिया जैसे ही होते हैं, जिसमें मरीज को सांस लेने में तकलीफ भी होती है। माना जा रहा है कि यह वायरस चीन के पशु बाजार से इंसानों तक पहुंचा, जो लगातार फैलता जा रहा है। एक रिसर्च में यह भी अनुमान जताया गया है कि यह वायरस संभवत: सांप से इंसानों में पहुंचा, जिसके कारण लोगों की जान पर बन आई है।