मेरठ : कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर भारत सहित पूरी दुनिया में एक खौफ पैदा हो गया है। वैज्ञानिकों ने इसे डेल्टा वैरिएंट से भी दोगुनी रफ्तार से फैलने वाला बताया है। इससे बचाव के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और खास तौर पर हवाई अड्डों पर उन लोगों की जांच व निगरानी के आदेश दिए गए हैं, जो विदेशों से आ रहे हैं। हाल ही में विदेशों से आए ऐसे ही 13 लोगों ने मेरठ में चिंता बढ़ा दी है, जिन्होंने अपना पता और मोबाइल नंबर ही गलत लिखवाया है।
मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अखिलेश मोहन के मुतातिबक, हाल में विदेशों से 297 यात्री लौटे हैं, जिनमें 7 दक्षिण अफ्रीका से थे। इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन विदेशों से लौटे 13 यात्रियों ने गलत पता और मोबाइल नंबर लिखवाया। ऐसे में उन्हें लेकर कई तरह का संशय पैदा होता है। प्रशासन उनके बारे में जानकारी जुटा रहा है। स्थानीय खुफिया यूनिट को उनसे जुड़ी अन्य जानकारियां दी गई हैं, जिनके आधार पर वे उनके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
मेरठ में बढ़ी चिंता
मेरठ में इसका पता लगते ही प्रशासन हरकत में आ गया है। उनके नाम और यात्रा संबंधी अन्य जानकारियों के आधार पर जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस जानकारी के सामने आने के बाद आम लोगों और चिकित्सा महकमे में भी एक तरह की चिंता है। डर इस बात को लेकर है कि कहीं अगर वे संक्रमित हुए तो अन्य लोगों में भी इसका संक्रमण फैल सकता है। फिर यह भी साफ नहीं है कि संक्रमण का वैरिएंट क्या हो सकता है। ऐसे में लोग यही मना रहे हैं कि ये 13 लोग भी निगेटिव ही हों।
यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट की सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को पहचान की गई थी, जिसके बाद देखते ही देखते यह आसपास के कई देशों में फैल गया। इस वक्त भारत सहित लगभग 36 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। वैज्ञानिकों ने इसे डेल्टा से भी अधिक तेजी से फैलने वाला संक्रमण बताया है, जिसे लेकर चिंता और बढ़ती जा रही है। भारत में खतरे की सूची में शामिल देशों से आने वाले यात्रियों की जांच व निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।