- मुगल आक्रांताओं द्वारा कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध गुरु तेगबहादुर जी ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया: अमित शाह
- सिर कलम करने वाले इतिहास में खो गए लेकिन 400 साल बाद भी करोड़ों लोग गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान को नमन करते हैं
- गुरु गोबिंद सिंह जी ने धर्म की रक्षा के लिए चार साहिबजादों सहित अपना सर्वस्व बलिदान कर सिख गुरुओं की महान परंपरा को आगे बढ़ाया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली के लाल किले में श्री गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर एक कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने कहा कि महान सिख गुरुओं के बलिदान का पूरा देश ऋणी है। जहां गुरु तेग बहादुर की बलि दी गई, वहां मोदी सरकार यह कार्यक्रम कर रही है, यह सौभाग्य की बात है।
शाह ने सिख गुरु तेग बहादुर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके और गुरु गोविंद सिंह के सर्वोच्च बलिदान ने भारत की आजादी के बीज बोए। सिख गुरु ने कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अपना जीवन दिया, जिन्हें तत्कालीन मुगल शासकों द्वारा सताया गया था। उन्होंने कहा कि मैं बिना किसी हिचकिचाहट के कहना चाहता हूं कि गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही भारत को बाद में आजादी मिली और देश अब आजादी के 75 वें वर्ष में है।
गृह मंत्री ने कहा कि लाल किले पर कार्यक्रम आयोजित करना गुरु तेग बहादुर को एक उचित श्रद्धांजलि है क्योंकि उनका डेथ वारंट यहां से मुगल शासक औरंगजेब द्वारा जारी किया गया था और उन्हें उस परिसर के पास मार दिया गया था जहां अब एक गुरुद्वारा खड़ा है। शाह ने कहा कि मोदी सबसे भाग्यशाली प्रधानमंत्री हैं क्योंकि उन्होंने गुरु नानक देव की 550वीं जयंती, गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती और गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती का आयोजन किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अप्रैल को लाल किले में श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश पर्व समारोह में भाग लेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे और एक स्मारक सिक्का तथा डाक टिकट भी जारी करेंगे।
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