दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों से गुरुग्राम का वो वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें गोतस्करों का गैंग पुलिस और गोरक्षकों से बचने के लिए जिंदा गायों को चलते ट्रक से फेंक रहा है। इस वीडियो को लेकर तरह-तरह की कहानियां सामने आ रही हैं। ऐसे में इसका असली सच सामने लाने के लिए टाइम्स नाउ नवभारत संवाददाता प्रेरित कुमार ने जान जोखिम में डालकर कसाइयों के गढ़ में जाकर डिटेल इंवेस्टिगेशन की। इस पड़ताल में दिल्ली के बेहद करीब गायों के साथ महापाप का बड़ा खुलासा हुआ?
जिस देश में हिंदू गाय को मां का दर्जा देते हैं, पूजा करते हैं, वहां जिंदा गायों के साथ ऐसी बेरहमी, ऐसा पाप देखकर हर किसी का खून खौल उठा है। दिल्ली के करीब हरियाणा के गुरुग्राम का ये मंजर महज 240 घंटे पुराना है। जब पुलिस और गोरक्षकों से बचने के लिए गोतस्करों ने जिंदा गायों को ट्रकों से फेंका तो ये बेजुबान बुरी तरह से जख्मी हो गए। गो तस्करों की इस हैवानियत से पुलिस और गोरक्षकों की गाड़ियां भी हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बचीं। गायों के गुनहगार हरियाणा पुलिस के शिकंजे में हैं। उनका ताल्लुक मेवात इलाके से है वो 8 और 9 अप्रैल की दरमियानी रात जब ट्रक पर गायों को भरकर भाग रहे थे तो उनकी मंजिल मेवात ही थी।
गोरक्षा दल से जुड़े मोनू मानेसर की टीम ने ही उस रात पुलिस के साथ गोतस्करों का पीछा किया था। उन्होंने बताया कि गोतस्करों की इत्तला उन्हें कैसे मिलती है। गोरक्षकों और पुलिस की सक्रियता से कई गोतस्कर पकड़े जाते हैं तो कई फरार भी हो जाते हैं क्योंकि ये तस्कर इतने शातिर होते हैं कि कई बार चोरी की गायों से भरी गाड़ी की भनक गोरक्षक क्या पुलिसवालों को भी नहीं लग पाती है। गोरक्षकों के मुताबिक मेवात में गोकशी का मकसद कारोबार कम और माहौल खराब करना ज्यादा होता है। मेवात में हर दिन ढाई हजार से तीन हजारों गायों की हत्या की जाती है। गोकशी के लिए गायें सिर्फ हरियाणा से ही नहीं बल्कि दिल्ली, यूपी और राजस्थान से भी उठाई जाती हैं। गोरक्षकों का ये भी कहना है कि पकड़े जाने पर गोतस्कर मॉब लिंचिंग का प्रॉपेगैंडा फैलाकर विक्टिम कार्ड खेलते हैं।
हालांकि, सच ये भी है कि कथित गोतस्करी के आरोप में कई लोग मारे जा चुके हैं। कानून हाथ में लेने का हक किसी को नहीं है लेकिन जिस तरह से दिल्ली के बिल्कुल करीब मेवात से गाय के कसाइयों की काली कहानियां सामने आ रही हैं। वो भी कानून को खुलेआम चैलेंज देने वाली हैं। ऐसे में टाइम्स नाउ नवभारत की टीम गोरक्षकों के साथ गुरुग्राम से मेवात के सफर पर निकली तो 10 दिन पहले गोतस्करों को पकड़ने में पुलिस की मदद करने वाली टीम ने 3 साल पुरानी ऐसी कहानी बयां की। गुरुग्राम से मेवात के सफर में गोरक्षा के काम में जुटे गौरव आर्य ने पिछले साल अगस्त की वो हॉरर स्टोरी भी बताई, जिसमें गो तस्करों ने गोरक्षा दल से जुड़े एक शख्स का हाथ काट डाला तो दूसरे का सिर फोड़ दिया तब भी गो तस्करों ने गोरक्षकों को रोकने के लिए वही तरीका आजमाया था, जिसे इस बार अपनाया।
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