- सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को तीन बजे सुनवाई
- वाराणसी कोर्ट की सुनवाई पर तब तक के लिए रोक
- वाराणसी कोर्ट में कोर्ट कमिश्नर की तरफ से सर्वे रिपोर्ट पेश
ज्ञानवापी मस्जिद केस में क्या सर्वे का काम आगे नहीं होगा। या वाराणसी कोर्ट का फैसला विधिक दायरे में नहीं था इस पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। लेकिन हिंदू पक्ष की अपील पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई कल तक के लिए टाल दी। हालांकि मुस्लिम पक्ष की तरफ से इसका विरोध किया गया। अदालत ने कहा कि जब तक वो फैसला नहीं देगा कहीं और सुनवाई नहीं होगी। इस तरह से वाराणसी कोर्ट में सुनवाई पर खुद ब खुद रोक लग गई। सर्वे के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की तरफ से अर्जी दायर की गई थी। बता दें कि ज्ञानवापी केस में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिम पक्षकारों को कानूनी मदद दे रहा है।
20 मई तक कार्यवाही आगे ना बढ़ाए वाराणसी कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दोपहर तीन बजे तक मामले पर सुनवाई कर लेने तक वाराणसी में दीवानी अदालत से ज्ञानवापी मामले में कार्यवाही आगे न बढ़ाने को कहा और बृहस्पतिवार को सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ को वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दीवानी मामले में हिंदू श्रद्धालुओं की ओर से पेश होने वाले मुख्य अधिवक्ता हरी शंकर जैन अस्वस्थ हैं। वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत से शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करने का अनुरोध किया।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि विभिन्न मस्जिदों को ‘‘सील’’ करने के लिए देशभर में कई अर्जियां दायर की गयी हैं और वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में सुनवाई चल रही है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में ‘वजूखाना’ के आसपास बने एक तालाब को ‘‘ध्वस्त’’ करने के लिए अर्जी दाखिल की गयी है।अहमदी ने कहा कि वह किसी वकील के स्वास्थ्य के आधार पर सुनवाई स्थगित किए जाने का विरोध नहीं कर सकते लेकिन एक हलफनामा दिया जाना चाहिए कि हिंदू श्रद्धालु दीवानी अदालत में कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाएंगे।
वकील विष्णु ने कहा कि वे पीठ को आश्वस्त कर रहे हैं कि हिंदू पक्षकार वाराणसी में दीवानी अदालत के सामने सुनवाई आगे नहीं बढ़ाएंगे। पीठ ने दलीलों को दर्ज किया और दीवानी अदालत को मामले में शुक्रवार को तब तक कार्यवाही आगे न बढ़ाने को कहा, जब तक वह इस मामले में सुनवाई नहीं कर लेगा। उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेगा।शीर्ष अदालत ने 17 मई को वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के भीतर उस इलाके को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था, जहां एक सर्वेक्षण के दौरान एक ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया गया है। साथ ही मुसलमानों को ‘नमाज’ पढ़ने की अनुमति देने का भी निर्देश दिया था।
वाराणसी कोर्ट में रिपोर्ट पेश
काशी विश्ननाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के लिए यहां की एक अदालत द्वारा गठित आयोग ने अपनी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को अदालत को सौंप दी।हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने 14, 15 और 16 मई को किए गए सर्वेक्षण कार्य की रिपोर्ट जिला सिविल न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश की।यादव ने बताया कि अदालत द्वारा हटाए गए अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा ने छह व सात मई को की गई ज्ञानवापी परिसर की सर्वेक्षण रिपोर्ट बुधवार देर शाम अदालत को सौंप दी थी।
विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने रिपोर्ट पेश करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैंने 14, 15 और 16 मई की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी है। रिपोर्ट में क्या है यह मुझे बताने का अधिकार नहीं है। अब रिपोर्ट पर आगे की कार्यवाही अदालत करेगी।’’गौरतलब है कि अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के लिये नियुक्त किए गए अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को मंगलवार को पद से हटा दिया था।