- किसानों के समर्थन में आए जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे
- अन्ना हजारे ने दी अपने जीवन के अंतिम भूख हड़ताल करने की धमकी
- अन्ना इससे पहले भी कई बार कर चुके हैं भूख हड़ताल औऱ विरोध प्रदर्शन
पुणे: सामाजिक कार्यकर्ता किसन बाबूराव हजारे यानि अन्ना हजारे ने घोषणा की है कि अगर केंद्र सरकार किसानों से संबंधित उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो वह भूख हड़ताल पर जाएंगे। 83 वर्षीय अन्ना ने आगे कहा कि यह उनका 'अंतिम विरोध' प्रदर्शन होगा। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गाँव में मीडिया से बात करते हुए, हजारे ने कहा कि वह पिछले तीन वर्षों से खेती करने वालों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने इस मामले को हल करने के लिए कुछ भी नहीं किया है।
अन्ना बोले- सरकार ने मांगा है एक माह का समय
अन्ना ने कहा, 'सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है जिसके कारण मुझे उस पर (सरकार में) कोई भरोसा नहीं बचा है। देखते हैं.. केंद्र मेरी मांगों पर क्या कार्रवाई करता है। उन्होंने एक महीने के लिए समय मांगा है, इसलिए मैंने दिया है। उन्होंने कहा कि जनवरी के अंत तक का समय। अगर मेरी मांग पूरी नहीं हुई, तो मैं अपनी भूख हड़ताल का विरोध फिर से शुरू करूंगा। यह मेरा आखिरी विरोध होगा।' एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना और कृषि लागत तथा कीमतों की स्वायत्तता आयोग की मांग हजारे की मांगों का हिस्सा हैं।
पहले भी जता चुके हैं समर्थन
इस महीने की शुरुआत में, हजारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र लिखा था और कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो फिर वह भूख हड़ताल करेगे। विशेष रूप से, वरिष्ठ भाजपा नेता और महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने हाल ही में हजारे से मुलाकात की थी और उन्हें केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों का विवरण दिया था। हजारे ने 8 दिसंबर को किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में उपवास रखा था, जिसमें कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई थी।
किसान कर रहे हैं आंदोलन
आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं तीन कृषि कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को अपनी उपज देश में कहीं भी बेचने की अनुमति देगा।