नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 47 हजार से ज्यादा हो गई है जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 34 लाख को पार कर गया है। ऐसे हालात में भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों में लगातार जुटा है। साथ ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अकारण अकारण सीजफायर का उल्लंघन भी कर रहा है। पाकिस्तान की ऐसी हरकतों पर भारतीय थलसेना प्रमुख सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने उसे आइना दिखाया है। सेना प्रमुख ने कहा कि घुसपैठ के प्रयास दर्शाते हैं कि पाकिस्तान की दिलचस्पी कोरोना से मुकाबला करने में नहीं है।
'पाक सेना मासूम नागरिकों को निशाना बनाती है'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं से स्पष्ट होता है कि वह देश वैश्विक खतरा है और अपने ही नागरिकों को राहत मुहैया कराने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा पर मासूम नागरिकों को निशाना बनाती है। पीटीआई-भाषा दो दिए इंटरव्यू में सेना प्रमुख ने कहा, 'अपनी सरकार और सेना द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को कम प्राथमिकता देना (कोरोना वायरस के) मामलों में तेजी से वृद्धि और पाकिस्तान में चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी से स्पष्ट है।'
'शांति बहाल करने की जिम्मेदारी पाक पर'
नरवणे ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा, 'भारतीय सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन और आतंकवाद का समर्थन करने वाले सभी कृत्यों का करारा जवाब देगी। पाकिस्तान जब तक राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की अपनी नीति नहीं छोड़ता, हम उचित और सटीक जवाब देना जारी रखेंगे।' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अब भी भारत में आतंकवादियों को धकेलने के अपने अदूरदर्शी और तुच्छ एजेंडे पर काम कर रहा है। क्षेत्र में शांति बहाल करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है।'
थल सेना प्रमुख ने कहा कि दक्षेस वीडियो सम्मेलन के दौरान भी पाकिस्तान की संकीर्णता पूरी तरह से प्रदर्शित हुई थी जब उसने उस मंच का उपयोग अपने नागरिकों को महामारी से सुरक्षित रखने के तरीके खोजने के बजाय कश्मीर में मानवाधिकार के ‘गैर-मौजूद’ उल्लंघन की शिकायत करने के लिए की। उन्होंने कहा कि वास्तव में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों की सूची से कट्टर आतंकवादियों के नाम हटाने से साबित होता है कि वह अब भी राज्य की नीति के एक औजार के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करने में विश्वास करता है।
हंदवाड़ा मुठभेड़ पर क्या बोले सेना प्रमुख
हाल में जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद होने वाले पांच सुरक्षाकर्मियों को सेना प्रमुख ने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मैं अपनी सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बहादुर जवानों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और आभार व्यक्त करता हूं। भारत को अपने उन पांच सुरक्षाकर्मियों पर गर्व है जिन्होंने आम नागरिकों की जान बचाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान किया। नरवणे ने कहा कि कमांडिंग आफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन के दौरान सहायकों का नुकसान नहीं हो।